RTE के छात्रों से गणवेश और पुस्तक के लिए भेदभाव न बरती जाए-कलेक्टर

जिला स्तरीय समिति एवं मेन्टार्स की बैठक संपन्न

RTE के छात्रों से गणवेश और पुस्तक के लिए भेदभाव न बरती जाए-कलेक्टर

दुर्ग। दुर्ग जिले में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभावी एवं सुचारू क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समिति एवं आरटीई मेंटोर की बैठक आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के नियमों एवं प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने कहा कि जिले में आर.टी.ई. अंतर्गत चयनित छात्रों का प्रवेश निर्विघ्न रूप से किया जाए।

  कलेक्टर सुश्री चौधरी ने जिले में नियुक्त सभी मेंटोंर से कहा कि वे आरटीई के चयनित छात्रों को उनकी शिक्षा पूर्ण होने तक विद्यालयों में अध्ययनरत् रखने का सतत् प्रयास करें। आर.टी.ई. के छात्रों से किसी प्रकार का भेदभाव न हो। कलेक्टर ने मेंटोंर को पालकों से समन्वय स्थापित करने कहा, ताकि छात्रों की उपस्थिति विद्यालय में नियमित रहें। कलेक्टर ने कहा कि समिति सदस्य यह ध्यान रखे कि आर.टी.ई. के छात्रों से किसी प्रकार का फीस न लिया जाए।

छात्रों को सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों में भी शामिल किया जाए ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय में आर.टी.ई. के छात्रों को गणवेश एवं पुस्तक के लिए भेदभाव न बरती जाए। कलेक्टर ने समिति को सभी बिन्दुओं पर त्रैमासिक समीक्षा करने के निर्देश दिये। बैठक में समिति सदस्यों के सुझाव भी आमंत्रित किये गये। 

             बैठक में एडीएम अरविन्द एक्का, डीएफओ चन्द्रशेखर परदेशी, सहायक कलेक्टर एम. भार्गव, नगर निगम भिलाई के आयुक्त देवेश ध्रुव, जिला पंचायत के सीईओ अश्वनी देवांगन, दुर्ग नगर निगम आयुक्त लोकेश चन्द्राकर, रिसाली नगर निगम आयुक्त श्रीमती मोनिका वर्मा सहित सभी एसडीएम, सभी जनपद सीईओ तथा समिति सदस्य एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी सुरेन्द्र पाण्डेय, अमित घोष सहित समस्त विभाग के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।