नौकरी के लिए म्यांमार गए तीन इंजीनियर को बनाया बंधक, 8.14 लाख रुपये की फिरौती भी वसूली, देते हैं बिजली के झटके
लखनऊ। नौकरी के लिए म्यांमार गए तीन इंजीनियर दोस्त बंधक बना लिए गए हैं। एक इंजीनियर के परिजनों से 8.14 लाख रुपये की फिरौती भी वसूली। रकम ट्रांसफर होने के बाद से इंजीनियर से परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। उसके भाई ने डालीगंज में स्थित एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में उसके दोस्त व एक मलेशिया एजेंट नामजद आरोपी है।
म्यांमार में फंसे तीनों इंजीनियर दोस्तों ने वीडियो बनाकर परिजनों को व्हाट्सएप पर भेजे हैं। जिसमें बताया है कि उन पर वहां बर्बरता की जा रही है। 18-20 घंटे काम कराया जा रहा है। बहुत कम खाना देते हैं। इलेक्टि्रक शॉक भी देते हैं। ये सुनकर परिजन हैरान और परेशान हैं। वह भी भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके बच्चों को किसी तरह से बंधने से मुक्त कराएं।
गुडंबा के आधारखेड़ा गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर जोगिंदर चौहान ने बताया कि उनके 24 वर्षीय भाई सागर चौहान सिविल इंजीनियर हैं। बीती 26 मार्च को वह बसहा गांव निवासी अपने दोस्त राहुल उर्फ आरुष गौतम के साथ मलेशिया जाने की बात कहकर निकला था।
दूसरे दिन जब उससे बात हुई थी तो उसने बताया था कि राहुल की कंपनी ने म्यांमार में नौकरी दिलाने की बात कही है, इसलिए वह म्यांमार चले गए हैं। साथ में उनका तीसरा दोस्त बाराबंकी निवासी अजय कुमार भी है। जोगिंदर के मुताबिक 28 मार्च को जब सागर की कॉल आई तो उसने बताया कि वहां उसको बंधक बना लिया गया है।
टॉर्चर किया जा रहा है। फिर रुपयों की मांग की। जोगिंदर ने दो, तीन व चार अप्रैल को कुल तीन बार में 8 लाख 14 हजार रुपये उसको भेज दिए। तब से सागर से कोई बात नहीं हो पा रही है। इसलिए जोगिंदर ने आरुष गौतम व मलेशिया के रॉबिन हुड नाम के शख्स पर एफआईआर दर्ज कराई है।