भिलाई डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल और टीचरों की लिखित बुक हुई बैन, एनसीईआरटी की जगह पढ़ा रहे थे खुद की बुक्स
जिला शिक्षा अधिकारी ने की कार्रवाई
भिलाई. भिलाई डीपीएस स्कूल में 4 टीचर्स के द्वारा लिखित पुस्तक को अपने स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कर पढ़ाए जाने का मामला सामने आया है. शिकायत के बाद उन पुस्तकों को सीबीएसई द्वारा बैन कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार स्कूल के प्रिंसिपल प्रशांत वशिष्ठ और 4 अन्य टीचरों ने स्कूल के स्वयं की लिखित मैथेमेटिक्स, सोशल स्टडीज, व्याकरण प्रवाह, कंप्यूटर टच पैड क्लास वन से 8 तक पुस्तकें जिनकी कीमत 300 रुपए से 500 रुपए के बीच है, वेबपोर्टल पर अपलोड कर दी गई थी। इन पुस्तकों को वेबपोर्टल पर देखने के बाद आरटीआई एक्टिविस्ट सीवी भगवंत राव ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कलेक्टर दुर्ग एवं सीबीएसई बोर्ड नई दिल्ली से की। सीबीएसई बोर्ड की जांच कमेटी की जांच पड़ताल के बाद प्रिंसिपल प्रशांत वशिष्ठ, एच एम नीलम पांडेय, एच एम गीता जुनजानी, लिपिका बैनर्जी एवं टीचर मधु मालिनी की लिखित पुस्तकों को नियम विरुद्ध पाते हुए इन पुस्तकों को बैन करते हुए इन पुस्तकों पर रोक लगा दी गई है।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बताया कि हमें सीबीएसई से पत्र प्राप्त हुआ था कि डीपीएस स्कूल में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पढ़ाई जा रही है, जो कि सीबीएसई के नियम विरुद्ध है उसे बंद करवाने का निर्देश प्राप्त हुआ था उस आधार पर हमनें स्कूल में निजी प्रकाशकों की पुस्तकों बैन किया है।