छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: भूपेश बघेल के बेटे के बाद अब 23 आबकारी अफसरों की जमानत पर झटका

रायपुर | छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एक और बड़ा मोड़ सामने आया है। EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को घोटाले में आरोपी 23 निलंबित आबकारी अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।अदालत ने स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों की भूमिका "भाग-बी" शराब रैकेट में प्रत्यक्ष रूप से सामने आई है, इसलिए उन्हें अग्रिम राहत देना न्यायोचित नहीं होगा। यह फैसला दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सुनाया गया।
20 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश
मामले में संलिप्त कुल 29 आबकारी अधिकारियों को 20 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया है कि यदि आरोपी अफसर पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी सहित सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
क्या है मामला?
यह घोटाला कथित रूप से करोड़ों रुपये के अवैध शराब लेन-देन और अधिकारियों और निजी माफियाओं की मिलीभगत से जुड़ा हुआ है। जांच एजेंसियों के अनुसार, शराब दुकानों से नकद वसूली, फर्जी बिलिंग और अवैध सप्लाई का जाल पूरे राज्य में फैला हुआ था।
पूर्व सीएम के बेटे और मंत्री भी गिरफ्त में
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है और वे पांच दिन की EOW रिमांड पर हैं। वहीं पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले से ही जेल में बंद हैं।
अब आगे क्या?
अब सभी की निगाहें 20 अगस्त पर टिकी हैं, जब 29 आरोपी अफसर कोर्ट में पेश होंगे। इस सुनवाई से आगे की जांच की दिशा तय होगी और संभव है कि और बड़े नाम सामने आएं।