जरूरी खबर: पावर ऑफ अटॉर्नी के दुरुपयोग (धोखाधड़ी और वित्तीय नुकसान) से बचने के उपाय, जेल जाने से बचने पढ़ें पूरी खबर

जिला प्रशासन ने आम जनता को किया अलर्ट

जरूरी खबर: पावर ऑफ अटॉर्नी के दुरुपयोग (धोखाधड़ी और वित्तीय नुकसान) से बचने के उपाय, जेल जाने से बचने पढ़ें पूरी खबर

दुर्ग। जिला प्रशासन के समक्ष कुछ प्रकरण आए हैं, जिनमें कई व्यक्ति पावर ऑफ अटॉर्नी (मुख्तारनामा) के माध्यम से अपनी संपत्तियों का हस्तांतरण कर रहे हैं। जबकि पावर ऑफ अटॉर्नी एक ऐसी विधिक लिखत है, जिससे किसी एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की ओर से मात्र एक एजेन्ट के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया जाता है। आममुख्त्यारनामा का दुरुपयोग धोखाधड़ी और वित्तीय नुकसान का कारण बन सकता है। 

संपत्ति से संबंधित पॉवर ऑफ अटॉर्नी क्या है और पावर / अधिकार किसे देना चाहिए और किसे नहीं देना चाहिए

जिला पंजीयक दुर्ग श्रीमती प्रियंका श्रीरंगे से मिली जानकारी अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी या मुख्त्यारनामा या अधिकार पत्र, एक ऐसी लिखत है, जो किसी दुसरे व्यक्ति को आपकी ओर से आपकी संपत्ति या अन्य मामलों में कार्य करने के लिए दिया जाता है, जैसे संपत्ति का सौदा करना, संपत्ति को बंधक रखकर ऋण लेना, संपत्ति का विक्रय करना आदि। यह सुविधा खास तौर पर उनके लिए उपयोगी होती है जो व्यक्ति स्वयं उपस्थित हो कर कार्य न कर सकें जैसे कि विदेश में रहने वाले या अन्य राज्यों में रहने वाले व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के कारण उक्त कार्य नहीं कर सकते, वृद्धावस्था के कारण स्वयं कार्य नहीं कर सकते आदि। ऐसे व्यक्ति जो स्वयं अपनी संपत्ति का प्रबंधन कर सकते हैं, स्वयं बैंक एवं अन्य कार्यालय जा सकते हैं, उन्हें पॉवर ऑफ अटार्नी नहीं देनी चाहिए। 

कब और किसे दें अपनी संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी

केवल और केवल विश्वसनीय व्यक्ति, जिन्हें आप बहुत अच्छे से परिचित हैं केवल उन्हें ही आम मुख्त्यार नियुक्त किया जाना चाहिए- जैसे करीबी परिजन, मित्र आदि। यदि पॉवर ऑफ अटार्नी किसी विशेष कार्य के लिए देना आवश्यक हो तो केवल उसी कार्य के करने हेतु सीमित अधिकार के लिए दिया जाना चाहिए जैसे यदि किसी संपत्ति को केवल किराए पर देना चाहते हैं, जो केवल किरायानामा निष्पादित करने के लिए आम मुख्त्यार नियुक्त करें, यदि केवल ऋण लेना चाहते हैं तो केवल ऋण लेने के लिए ही अधिकार देवें, अन्य कोई अधिकार नहीं देना चाहिए। इन अधिकारों को स्पष्ट रूप से आम मुख्त्यारनामा विलेख में लिखवाएं, जो अधिकार प्रदान नहीं कर रहे है, उन्हें न लिखवाएं या स्पष्ट रूप से लिखवाएं कि इस आममुख्त्यारनामा के द्वारा कौन कौन से कार्य नहीं किए जा सकते हैं। 

पॉवर ऑफ अटॉर्नी किसे नहीं देना चाहिए

अनजान व्यक्ति को बिल्कुल न दें। ऐसे व्यक्ति जिनकी वित्तीय या सामाजिक पृष्ठभूमि संदिग्ध हो। अवैध प्लॉटिंग, जमीन कब्ज़ा या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े लोगों को। पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने से अटॉर्नी धारक (जिसे मुख्तारनामा दिया गया है) उस संपत्ति के संबंध में कई कार्य कर सकता है, जैसे कि संपत्ति बेचना, उस पर ऋण लेना या उसका स्वरूप बदलना। अटार्नी धारक के द्वारा, संपत्ति के संबंध में किया गया हर कार्य चाहे वह कानुनी हो या गैर कानुनी, इन सबकी जिम्मेदारी मूल मालिक की ही बनी रहती है। इसलिए, पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने से पहले व्यक्ति की पृष्ठभूमि, विश्वसनीयता और इरादों की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें और केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही दें। 

संपत्ति के खरीददार क्या सावधानियां रखें

पॉवर ऑफ अटॉर्नी एक अस्थायी व्यवस्था है और इसे कभी भी रद्द किया जा सकता है। यदि पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने वाले की मृत्यु हो जाती है या वह दिवालिया घोषित हो जाता है, तो पॉवर ऑफ अटॉर्नी स्वतः ही समाप्त हो जाती है, मूल मालिक जब चाहे इसे रद्द करा सकता है। ऐसी स्थिति में, पॉवर ऑफ अटॉर्नी धारक द्वारा किए गए किसी भी कार्य को चुनौती दी जा सकती है, जिससे खरीदार मुश्किल में पड़ सकते हैं। 

जब भी आप कोई संपत्ति खरीदने का निर्णय लें, तो अनिवार्य रूप से जमीन के मूल मालिक से मुलाकात करें और उनसे संपत्ति के सभी दस्तावेजों की मूल प्रति प्राप्त कर स्वयं सत्यापित करें। किसी भी मध्यस्थ या पावर ऑफ अटॉर्नी धारक पर पूरी तरह से भरोसा न करें। संपत्ति के लिए किए जाने वाले सभी भुगतान, चाहे वह नगद हो या चेक के माध्यम से, हमेशा जमीन के मूल मालिक को ही करें। किसी भी परिस्थिति में पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के नाम से न तो चेक दें और न ही कोई नगद राशि का भुगतान करें। यदि पावर ऑफ अटॉर्नी धारक, खरीददार द्वारा दी गई राशि को मूल मालिक तक नहीं पहुंचाता है, तो खरीदी हुई संपत्ति कानूनी रूप से शून्य घोषित की जा सकती है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि संपत्ति संबंधी लेन-देन में पूरी सावधानी बरतें और पावर ऑफ अटॉर्नी के दुरुपयोग से स्वयं को बचाएं। अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहें, सदैव उचित कानूनी सलाह लें।

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