नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले बंगाल का एमआर पुरी से गिरफ्तार

कुरियर के माध्यम से करता था तस्करी

नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले बंगाल का एमआर  पुरी से गिरफ्तार

रायपुर। नशीली दवाओं की तस्करी में पुलिस ने प. बंगाल और ओडिशा में छापेमारी कर रिटायर्ड एमआर को पकड़ा है। वह बंगाल में बैठकर नशीली दवाओं का रैकेट चला रहा था। एमआर  कुरियर के माध्यम से ओडिशा में नशीली दवाओं की सप्लाई करता था। ओडिशा के तस्कर उसे रायपुर भेजते थे। प्रारंभिक जांच में बंगाल के कुछ बड़े दवा कारोबारियों का नाम सामने आए हैं। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पं. बंगाल कोलकाता निवासी अर्णब मजूमदार (62 वर्ष)दवा कंपनी में एमआर रह चुका है। लंबे अर्से तक दवा बाजार में काम करने के कारण मार्केट में उसकी अच्छी पकड़ है। उसे दवाइयों की जानकारी भी है। करीब छह साल पहले 2016 में अर्णब की मुलाकात भुवनेश्वर के तस्कर तापस कुमार से हुई थी। दोनों के बीच नशीली दवाइयों की खरीदी-बिक्री को लेकर सौदा हुआ। उसके बाद से अर्णब को मोबाइल पर तापस दवाओं के आॅर्डर देता था। उसके बाद अर्णब कुरियर के माध्यम से दवाइयां ओडिशा भेजता था। 6 साल से अर्णब घर बैठे इसी तरह से दवाओं की तस्करी कर रहा था। दवा मिलने के बाद तापस उसके पैसे अर्णब को आॅनलाइन सिस्टम से भेजता था। तापस के मोबाइल की जांच के दौरान ही अर्णब का क्लू मिला। उसके बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू की। कोलकाता का पता मिलने पर वहां दबिश दी गई लेकिन अर्णब नहीं मिला। वह पुरी गया था। पुलिस की टीम पुरी पहुंची। पुरी में उसे छापा मारकर पकड़ा गया। पुलिस ने अब बंगाल के डिस्ट्रीब्यूटर की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने जब्त नशीली दवाइयों का बैच नंबर निकाला है। वह बंगाल का निकला है। बंगाल के कुछ दवा कारोबारियों को सप्लाई हुई थी। वहीं से दवा का स्टॉक ओडिशा पहुंचाया गया। फिर ओडिशा से तस्करों के माध्यम से रायपुर पहुंच गया।