पूर्व सीएम डॉ. रमन की संपत्ति की जांच के लिए दायर याचिका पर अब 8 फरवरी को अंतिम सुनवाई
चुनाव आयोग को शपथपत्र में गलत जानकारी देने का आरोप
बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा चुनाव आयोग को शपथपत्र के साथ गलत जानकारी देने का है आरोप लगाते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब 8 फरवरी को इस पर अंतिम सुनवाई होगी। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि पूर्व सीएम रमन सिंह ने 2008, 2013 और 2018 के निर्वाचन में अपनी संपत्ति की शपथपत्र में जानकारी छुपाई है और गलत जानकारी दी है। उनके मुताबिक कई बाह ईओडब्ल्यू, एसीबी में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व सीएम के संपत्ति की जांच कराने की मांग की है। विनोद तिवारी इससे पहले भी एसीबी और ईओडब्ल्यू से कई बार शिकायत कर चुके हैं। याचिकाकर्ता ने ईओडब्ल्यू को भी पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता के आवेदन पर जवाब पेश करने डॉ रमन सिंह की ओर से पूर्व में 10 दिन का समय मांगा गया था। प्रकरण में उनकी तरफ से उनके एडवोकेट ने जवाब पेश कर दिया है।
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने साल 2018 में एडवोकेट हर्षवर्धन परघनिया के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट क्रिमिनल याचिका भी दायर किया है। इसमें बताया गया है कि डॉ. रमन सिंह ने साल 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। उन्होंने शपथ-पत्र में गलत जानकारी दी है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री की संपत्ति की जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही हाईकोर्ट में केंद्रीय जांच एजेंसी को पक्षकार बनाने की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी से मांगा था जवाब
याचिका के एडमिशन पर बहस हो चुकी है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट के साथ ही राज्य शासन, रमन सिंह के वकीलों की दलीलों को सुना गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पूर्व में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था।