ई-केवायसी से बड़ा खुलासा, प्रदेश के 8.83 लाख किसान ने योजनाओं का लाभ उठाने बने गरीब
रायपुर। ई केवायसी के दौरान बड़ा खुलासा सामने आया है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे योजनाओं का लाभ उठाने 8 लाख 83 हजार 506 किसान गरीब बन गए जो कभी इन्कम टैक्स पटाया करते थे।
इसका खुलासा होने के बाद अब इन किसानों को अपात्र घोषित किया गया है। नियमत: इनसे रिकवरी भी शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार ने 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की, जिसमें पात्र गरीब किसान को हर साल तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपए (कुछ 6 हजार रुपए वार्षिक) दिए जाने का प्रावधान है। जैसे ही यह योजना लांच हुई, प्रदेश में गरीब किसानों के नाम पर धड़ाधड़ पंजीयन शुरू हुए और अब तक 40 लाख 65 हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाकर किश्तें लेनी शुरू कर दीं। छह माह पहले केंद्र के निर्देश पर प्रदेश में रजिस्टर्ड गरीब किसानों की ई-केवायसी का काम शुरू हुआ तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। इस सूची में अब तक 8,83,506 लोग ऐसे पाए गए तो बिलकुल भी गरीब किसान नहीं हैं। इनमें आयकरदाता ही नहीं, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से लेकर बड़े प्रोफेशनल्स भी हैं। सिर्फ इन्हीं लोगों के खाते में योजना के 637 करोड़ रुपए चले गए हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश के साथ मिलकर इस रकम की वापसी शुरू की है।
11वीं किस्त में हुआ खुलासा
इस योजना की 12वीं किस्त जारी होने वाली है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो 11वीं किस्त में मामले का खुलासा होने के बाद ही अपात्र लोगों के खाते डिएक्टिवेट कर दिए गए हैं। अब उनके खाते में आगे से कोई राशि जमा नहीं की जाएगी। ई केवाईसी के बाद सभी को लैंड इंटीग्रेशन करवाना है। कृषि विभाग की मानें ताे अभी तक 14 लाख किसानों का लैंड इंटीग्रेशन हो चुका है।
पूरी योजना को ऐसे समझिए
- 40 लाख 65 हजार 778 किसानों का इस योजना के तहत पंजीयन
- 24 लाख 18 हजार 378 किसानों का किया जा चुका है ई-केवाईसी
- 08 लाख 83 हजार 506 ई-केवायसी में गरीब किसान नहीं पाए गए
- 637 करोड़ रु इन अपात्रों से वसूल किए जाएंगे, इनमें आयकरदाता भी