मुफ्त में सामान नहीं देने पर आरपीएफ जवानों ने वेंटर को पीटा

बंदूक के बट से मारकर किया लहूलुहान

मुफ्त में सामान नहीं देने पर आरपीएफ जवानों ने वेंटर को पीटा

रायपुर। रायपुर के रेलवे स्टेशन पर मंगलवार देर रात कुछ  आरपीएफ (रेलवे पुलिस फोर्स) के जवान एक वेंटर को बुरी तरह से पीटते नजर आए। कुछ लोगों ने इसकी तस्वीरें अपने मोबाइल पर कैद कर लीं। जिस वक्त स्टेशन में यह मारपीट की घटना हुई, रायगढ़ से गोंदिया जाने वाली ट्रेन आई हुई थी। इसी ट्रेन में दुर्ग से यह जवान रायपुर स्टेशन पर उतरे और वेंडर के साथ मारपीट की। मारपीट करने वाले जवानों में एक का नाम मुकेश और दूसरे का नाम अवनीश बताया जा रहा है।

हंगामे के कुछ देर बाद पता चला कि जिस युवक को आरपीएफ के जवान बुरी तरह से पीट रहे थे वह रेलवे स्टेशन का वेंडर था। जो स्टाल लगाकर पानी की बोतलें और बिस्किट बेचने का काम करता है। अंकुश भदौरिया नाम के इस युवक को आरपीएफ के जवानों ने पीटा। अंकुश का दावा है कि फ्री की पानी बोतल मांगने पर उसने आरपीएफ जवानों को इनकार कर दिया, बस यही बात वर्दी के रौब को पसंद ना आई। जवानों ने लात-घूंसों से अंकुश की पिटाई कर दी। जवानों के पास मौजूद एके-47 राइफल का बट अंकुश के माथे पर दे मारा। फोर्स के वजनी बूटों से अंकुश के इतना मारा गया कि उसके नाक और मुंह से खून बहने लगा।
वहीं दूसरी तरफ जवान अंकुश पर हथियार छीनने की कोशिश का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि अंकुश ने उनके साथ झूमाझटकी की, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। दूसरे स्थानीय वेंडर कहने लगे कि वह सब कुछ शुरुआत से ही देख रहे थे। अंकुश से सारा झगड़ा मुफ्त की पानी बोतल को लेकर ही था। जवानों ने अंकुश पर चोरी का आरोप भी लगाया, अंकुश के साथियों ने बताया कि वह सर्टिफाइड वेंडर है, स्टेशन में चोरी क्यों करेगा।
अंकुश को जब पिटता देख बाकी के वेंडर बीच-बचाव करने आए तो आरपीएफ के जवानों ने उन्हें भी पीटने की धमकी दी। कुछ देर बाद अपने साथ जबरन अंकुश को बाहर लेकर गए। जब पीछे-पीछे दूसरे वेंडर भागते हुए बाहर आए तो देखा कि एक ई-रिक्शा के पास अंकुर गिरा हुआ है और उसी रिक्शा में बैठकर आरपीएफ के जवान कहीं चले गए।
अंकुश को उठाकर साथी आरपीएफ के थाने पहुंचे। यहां शिकायत देनी चाही, मगर आरपीएफ के अफसर आधी रात तक अंकुश और उसके साथियों को रिपोर्ट दर्ज करने की बात पर टालते रहे। कुछ देर बाद मारपीट के आरोपी जवानों से भी संपर्क हुआ उन्हें भी जांच के लिए बुलाया गया। रात 1.30 बजे तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ। आरपीएफ के अफसरों को भी जानकारी दी गई। अब अधिकारी इस मामले में जांच की बात कह रहे हैं।
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