फिरौती के लिए अपहरण पश्चात हत्या कर तालाब में फेंकी थी लाश, तीन आदतन अपराधी गिरफ्तार
पुलिस को गुमराह करने लिया गया था ऑनलाइन सट्टा महादेव आईडी का नाम
पुलिस को गुमराह करने लिया गया था ऑनलाइन सट्टा महादेव आईडी का नाम
भिलाई। भिलाई-3 थाना क्षेत्र के तालाब में मिले शव ओमप्रकाश साहू का था। 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए आशीष तिवारी ने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर शव को दुपहिया वाहन के साथ बांधकर तालाब में फेंक दिया था। मृतक ओमप्रकाश साहू ने जेल में बंद आशीष तिवारी के जमानत सहित दूसरे कार्यों के लिए करीब 1.5 लाख रुपए लिया था। ओमप्रकाश ने जमानत नहीं करावाया इसलिए आशीष तिवारी खुन्नस में था। शब बोरे में नहीं आ रहा था इसलिए दोनों पैरों को ऑरी से काटकर मोड़ दिये थे। वहीं आरोपियों द्वारा पुलिस को गुमराह करने के लिए महादेव सट्टा एप का नाम लिया गया था। पुलिस ने जामुल निवासी ओमप्रकाश साहू के हत्या के मामले में आशीष तिवारी पिता सूर्य प्रताप तिवारी उम्र 34 साल निवासी गुरू घांसीदास नगर जामुल, रजनीश पाण्डेय उर्फ अंकू पिता मुन्ना लाल पाण्डेय उम्र 30 साल निवासी बालाजी नगर सड़क 52 प्लाट 1/एफ जोन-2 सेक्टर 11 खुर्सीपार तथा अनुज तिवारी उर्फ लाला पिता सीताशरण तिवारी उम्र 19 निवासी जोन 02 सेक्टर 11 सड़क 52 प्लाट 1/एफ बालाजी नगर खुर्सीपार भिलाई को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से मृतक का मोबाईल फोन व घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन, सिम, ऑरी व वाहन बरामद की गई है। आरोपीगण आदतन अपराधी है। हत्या, लूट एवं एनडीपीएस के मामलों में जेल से जमानत पर छुटे थे। गिरफ्तार तीनों आरोपी एक ही गांव के हैं और फर्निचर का काम करते थे।
सोमवार को पत्रकारवार्ता में पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि विगत 1 जून को प्रार्थी श्रीमती विमला साहू पति ओम प्रकाश साहू निवासी एकता नगर पुरानी भिलाई थाना पुरानी भिलाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 31.05.2023 की शाम लगभग 07:30 बजे मेरे पति ओम प्रकाष साहू घर से निकला था, जो देर रात तक घर वापस नहीं आया है। रात्रि 11.45 बजे अज्ञात नम्बर से फोन आया था जिससे बात नहीं हुयी। फिर उसके अपने पति के मोबाईल नम्बर पर अपने बेटी के मोबाईल से फोन लगायी तो फोन नहीं लगा फिर उन्हें मैसेज किये। 1 जून को सुबह 10.15 बजे पति के मोबाईल से फोन आया जिसमें अज्ञात व्यक्ति के द्वारा कहा गया कि तुम्हारा पति मेरे सट्टे का 30 लाख रूपये चुना लगया है। मैं दो दिन का समय दे रहा हूं मेरे सट्टे का 30 लाख रूपये मुझे दे दो नहीं तो तुम्हारे पति का डेड बॉडी तुम्हारे घर भेज दूंगा। अगर पुलिस के पास गये तो तुम्हारे पति का डेड बॉडी तुम्हारे घर पहुँच जायेगा, तुम्हारा पति मेरे कब्जे में है। महिला की शिकायत पर थाना पुरानी भिलाई में अपराध धारा 365 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस टीम द्वारा प्रार्थिया से संपर्क कर विस्तृत पूछताछ कर घटना के संबंध में आवश्यक जानकारी जुटाई गयी। तकनीकी आधार पर पतासाजी के प्रयास किये गये जिसके परिणाम स्वरूप कुछ संदेहियों के मोबाईल नम्बर प्राप्त हुए। उक्त मोबाईल नम्बरों का सूक्ष्मता से विश्लेषण करने पर मुख्य संदेही आशीष तिवारी की घटना में संलिप्तता परिलक्षित हुयी जिससे मुख्य संदेही के संबंध में और भी आवश्यक जानकारी एकत्रित कर टीम को पतासाजी हेतु लगाया गया। टीम द्वारा मुख्य संदेही आशीष तिवारी निवासी घांसीदास नगर जामुल को घेरा बंदी कर पकड़कर पूछताछ की गई। प्रारंभिक पूछताछ पर कई घंटों तक गुमराह करता रहा किन्तु तकनीकी आधार पर तथ्यात्मक पूछताछ करने पर डकैती के प्रकरण में सेन्ट्रल जेल दुर्ग में निरूद्ध रहने के दौरान एकता नगर भिलाई 03 निवासी ओम प्रकाश साहू से जेल से ही जान पहचान होना बताया। ओम प्रकाश साहू जमानत पर छुटने के बाद आशीष तिवारी के पिता सूर्य प्रताप तिवारी से उसके जमानत के लिए 30 हजार रूपये लिया था और जमानत भी नहीं कराया था। जेल में रहने के दौरान और जेल से बाहर आने के बाद भी ओम प्रकाश के द्वारा जमानत कराने के लिये दिये गये पैसे एवं अन्य कुछ लेन देन के लगभग 1.50 लाख रूपये लौटाने से मना किया गया जिससे आशीष तिवारी क्षुब्ध था। अपने पैसों के साथ साथ आशीष की फिरौती के भी बहुत पैसे ओम प्रकाश से निकलवाना चाहता था। जिससे वह अपने साथी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी निवासी खुर्सीपार के साथ मिलकर ओम प्रकाश साहू की फिरौती के लिए अपहरण की योजना बनायी।
हत्या के पहले खूब पिलाई शराब
योजना के मुताबिक 13 मई को एक बीएसएनएल का सीम अपने के साथी के माध्यम से खरीदकर एक्टिवेट किया और 31 मई की शाम 05:30 बजे उसी नम्बर से ओम प्रकाश साहू को फोन कर उमंदा शराब भट्टी के पास मिलने बुलाया। जहाँ पर अपने उपरोक्त दोनों साथियों के साथ रजनीश की मोटर सायकल में उमंदा शराब भट्टी गया। जहाँ पर ओम प्रकाश साहू अपने मेस्ट्रो वाहन से वहां पर आया। उसके बाद शराब व चखना लेकर चारों लोगा खदान के पास गये और वहीं पर शराब पीये। उसके बाद थोड़ा नषा हो जाने पर चारों लोग मेरे द्वारा पहले से किराये पर लिये गये उमदा स्थित मकान में गये जहाँ पर फिर से चारों लोग शराब पीये।
गला दबाकर हत्या फिर बोरे में लाश डालने काटा पैर
अत्यधिक नशा हो जाने पर वहीं सो गये। सुबह 4 बजे तीनों फिर से उठे और आपस में बातचीत कर पूर्व योजना अनुसार गला दबाकर एवं मुंह नाक बंद कर दिया। जिससे कुछ ही देर में ओम प्रकाश की मृत्यु हो गयी। हत्या के बाद तीनों शव के वहीं छोड़कर चले गये और दो अलग अलग समय पर परिवार को फिरौती के लिए फोन किया। शाम के समय बाजार से आरी और बोरा लेकर फिर से उमंदा किराये के मकान में गये जहॉ पर ओम प्रकाष का शव बोरे में नहीं आ रहा था जिससे उसके दोनों पैरों को ऑरी से काटकर मोड़ दिये, सिर और पैर को जीआई तार से बांध दिये। उसकी बॉडी को जुट की बोरी में भरकर बोरी का मुंह बांधकर तीनों मिलकर ओम प्रकाष की मेस्ट्रो गाड़ी को घर के अंदर ले जाकर उसकी बॉडी को बोरी सहित गाड़ी के सामने में रखकर बोरी को मेस्ट्रों गाडी में नायलोन रस्सी से बांधे और ठिकाने लगाने के लिये अनुज तिवारी चलाते हुए लेकर गया मैं पीछे बैठा हुआ था। रजनीश पाण्डेय अपनी मोटर सायकल से आगे आगे गया। मयुरा कंपनी के पीछे खादान तालाब में गये और ओम प्रकाष साहू की बॉडी को गाड़ी सहित खादान तालाब में ढकेल दिये और रजनीष की मोटर सायकल से वापस आ गये।
जीआरपी की मदद से रजनीश और अनुज नागपुर में पकड़ा गया
आशीष तिवारी की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही रजनीश पाण्डेय और अनुज तिवारी रीवा भागने के फिराक में थे। तकनीकी आधार पर पतासाजी करने पर उक्त दोनों आरोपियों की उपस्थिति नागपुर रेल्वे स्टेशन के आसपास होना पता चला। नागपुर रेल्वे पुलिस के सहयोग से आरोपी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी पकड़ा गया। पूछताछ करने पर उक्त दोनों आरोपियों के द्वारा अपने साथी आशीष तिवारी के साथ मिलकर पैसे के लेने देन के नाम पर हत्या की घटना को अंजाम देना स्वीकार किये। आरोपियों की निशान देही पर मृतक का शव, मेस्ट्रो वाहन, मोबाईल फोन, हत्या की घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, ऑरी एवं मोटर सायकल बरामद कर जप्त किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही थाना पुरानी भिलाई से की जा रही है।