रविन्द्र नाथ टैगोर की गीतों से आजादी की जश्न का किया वर्णन
रविन्द्र संगीत पर दी गई नयनाभिराम प्रस्तुतियों ने बांधा समां
अमृत महोत्सव में रविन्द्र जन्मोत्सव का आयोजन
भिलाई। रबिन्द्रसुधा भिलाई द्वारा 13 मई को शाम 7.30 बजे से इंजीनियर्स भवन ऑडिटोरियम, सिविक सेंटर इंदिरा प्लेस भिलाई में अमृत महोत्सव में रविन्द्र जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य थिम देश की आजादी में रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित कविताएं, गीत संगीतों का योगदान था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपोर्णा दासगुप्ता थी। अन्य अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय लोक गायक रजनी रजक, थियेटर एक्टर व डायरेक्टर देबु रॉय चौधरी, रिसाली एमआईसी सदस्य अनूप डे उपस्थित थे। मंच संचालन राजदीप सेन व श्रीमती मोऊ रॉय ने की। यह कार्यक्रम बिस्वजीत सरकार और संचईता रॉय के मार्गदर्शन में आयोजित की गई।
सर्वप्रथम पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम की शुरूआत की गई। राजदीप सेन ने कहा कि आज के युवाओं को रविन्द्रनाथ टैगोर से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी भावनाएं, उनकी रचनाएं, उनका संगीत, उनका लेखन, उनका रंगमंच का अनुभव सहित अनेक विधाएं हैं, जिससे युवा सीख सकते हैं।
गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित गीत-संगीत व नृत्य की नयनाभिराम प्रस्तुति ने उपस्थित जनों के मन में अमिट छाप छोड़ी। 6 वर्ष की छोटी सी बच्ची से लेकर युवाओं के द्वारा रवीन्द्र गीत व नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं। पूरे कार्यक्रम ने अंत तक लोगों को बांधे रखा। भारतीय की स्वाधीनता में गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर के गीतों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कार्यक्रम के दौरान रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित गीत-संगीत व नृत्य के माध्यम से देश की आजादी के लिए अपने खून बहाने वाले व प्राणों की आहूति देने वाले वीर क्रांतिकारियों की भावनाओं को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में प्रस्तुतियों से दर्शाया गया कि कैसे रविन्द्र नाथ की कविताएं व गीतों ने लोगों को एक साथ मिलजुलकर रहने की प्रेरणा देती है। उनकी कविताएं व गीतों लोग एकजुट हुए। हिन्दू-मुस्लिम एक होकर देश की आजादी के लिए अंगे्रजो से भीड़ गए। रविन्द्र नाथ टैगोर की गीतों से आजादी की जश्न का वर्णन किया गया। कार्यक्रम में दी गई प्रस्तुतियों को सभी ने सराहा। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी गई।