दहशतगदोें को दबोचने 2000 कमांडो चला रहे ऑपरेशन

पुंछ में आतंकियों ने की थी 36 राउंड फायरिंग, स्टिकी बमों का किये थे उपयोग

दहशतगदोें को दबोचने 2000 कमांडो चला रहे ऑपरेशन

कश्मीर (एजेंसी)। जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में सेना के काफिले पर हुई आतंकी वारदात में स्टिकी बमों का इस्तेमाल किया था। इन्हें रिमोट से उड़ाया जा सकता है या टाइमर द्वारा सेट किया जा सकता है। सेना के ट्रक पर लश्कर के आतंकियों ने 36 राउंड फायरिंग की थी। ट्रक से दो ग्रेनेड पिन भी बरामद हुई हैं। आतंकियों के खिलाफ आॅपरेशन के लिए सेना, राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 2000 कमांडो को तलाशी अभियान के लिए लगाया गया है। हमले का तरीका पिछले साल कटरा में हुए हमले के समान ही लग रहा है।
इस बीच आईबी ने गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ एक रिपोर्ट साझा की है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस आतंकी हमले में दो गुटों के सात आतंकी शामिल थे। सूस का दावा है कि आतंकवादी पाकिस्तानी राष्ट्रवादी समूहों के हैं। खुफिया सूत्रों ने कहा कि गुरुवार को सेना के वाहन पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की मदद से जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सक्रिय जमीनी कार्यकर्ताओं की मदद से ऐसा किया। इससे पहले, सूचना मिली थी कि जैश समर्थित आतंकी समूह, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, संभव है कि हमले में लश्कर के आतंकवादी शामिल थे।

हमले में पांच जवान हुए थे शहीद
ज्ञात हो कि जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में हुए आतंकी हमले में सेना के जवानों पर रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था। गुरुवार को पुंछ इलाके में हुई इस आतंकी वारदात में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवानों की मौत हो गई और एक घायल हो गए थे। इस आतंकी घटना में लश्कर-ए-तैयबा के कम से कम सात आतंकियों की भूमिका का खुलासा हुआ है। पुंछ-राजौरी क्षेत्र में भारतीय सेना के हताहत होने की यह चौथी घटना है।