मौर्य साम्राज्य काल में हुई हुंमुखी विकास-रामाचंद मौर्या
सम्राट अशोक महान के जन्मोत्सव पर निकला भव्य जुलूस
भिलाई। सम्राट अशोक महान के जन्मोत्सव के पावन पर्व पर सुपेला भिलाई से बाजे गाजे एवं सम्राट अशोक महान अमर रहें के गगन भेदी नारों से जयघोष करता हुआ जुलूस पावर हाउस भिलाई से सम्राट अशोक चौक, डबरा पारा खुर्सीपार भिलाई पहुंचा।
मौर्य साम्राज्य के विशाल भारत के नक्शे में शामिल पाकिस्तान, बंगलादेश सहित अफगानिस्तान, ईरान, नेपाल, भूटान, म्यांमार तक फैले हुए मानचित्र पर अतिथियों द्वारा चारों तरफ दीप प्रज्ज्वलित कर प्रकाश किया गया।
मुख्य अतिथि वार्ड 19 के पार्षद व जोन 2 प्रभारी रामानन्द मौर्य ने सम्राट अशोक महान के जन्मोत्सव के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि मौर्य साम्राज्य काल का राजनीतिक वातावरण सुव्यवस्थित, शांत तथा सुरक्षित था। इस काल में चहुंमुखी विकास हुआ। अध्यक्षता करते हुए अजय मौर्य ने कहा कि सम्राट अशोक महान व्दारा जिस सामाजिक चेतना का दृणिकरण हुआ उसके परिणामस्वरूप भारतीय समाज नैतिक स्तर उन्नत हुआ। विशिष्ट अतिथि एन एल मौर्य, प्रीतम ने कहा कि अशोक स्तंभ स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है जो प्रत्येक राष्ट्रीय मुद्रा दस्तावेज पर अंकित रहता है। सत्यमेव जयते राष्ट्रीय वाक्य है, अशोक चक्र राष्ट्रीय ध्वज में, राजकीय पथ अशोक पथ, केन्द्रीय हाल अशोक हाल, राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पशु शेर है। अहिंसा परमो धर्म अशोक का अमोघ शस्त्र था जिसका महात्मा गांधी ने आजीवन पालन किया। विशिष्ट अतिथि विरेंद्र सर ने कहा कि जो लोग अपने पूर्वजों को याद करना भूल जाते हैं उनके पूरखो के नाम भी दुनिया से मिटा दिया जाता है। इसलिए अपने गौरवशाली इतिहास को सदा याद रखना चाहिए।
समारोह में शिवकुमार मौर्य, नन्दकुमार मौर्य, सुभाष मौर्य, हजारी प्रसाद, कांति मौर्य, अरूण कुमार मौर्य, अशोक वैद, एस एन वर्मा, संतोष मेहता, अरविन्द कुमार रामटेके, शिवशंकर भगत, विजय प्रताप कश्यप, रमेश भगत, नारायण प्रसाद बारले,टी एन कुशवाहा अंजन, दिनेश शिंदे, अरविन्द रामटेके, कपील बौद्ध, अलकाताई बौद्ध, गौतम खोबरागड़े, अनिता मेश्राम, संगीता पटेल,पान बुडे, त्रिवेणी कुशवाहा के साथ हजारों लोग कार्यक्रम में शामिल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अरविंद कुमार रामटेके ने और अशोक कुमार मौर्य ने आभार प्रदर्शन किया।