सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर में कलश यात्रा के साथ शुरू हुई भागवत कथा

सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर में कलश यात्रा के साथ शुरू हुई भागवत कथा

दुर्ग। श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा, दुर्ग में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। कथा दिनाँक 9 से 17 नवम्बर तक होगी। कथा के पहले दिन आज भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। बैंड बाजे के साथ निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश उठाकर मंगल गीत गाते हुए यात्रा में शामिल हुई। वहीं श्रद्धालु श्रीकृष्ण जी की महिमा के गीतों की धुन पर पूरे रास्ते नाचते गाते भक्ति भाव में डूबे रहे। कलश यात्रा आज दिनाँक 9 नवम्बर को दोपहर 2 बजे श्री बाबा रामदेव मन्दिर, गंजपारा से प्रारंभ होकर सत्तीचौरा मां दुर्गा मंदिर पहुँची, कलश यात्रा में यजमान गण भागवत कथा को सिर पर धारण कर यात्रा में सबसे आगे चले। उनके साथ साथ महिलाएं कलश को अपने सिर पर धारण कर उनके साथ चली। यात्रा में कथावाचक आचार्य डॉ. विक्रांत दुबे द्वारा गाए गए मधुर भजनों द्वारा श्रद्धालु इतने खुश हुए कि वह सारे रास्ते नाचते गाते श्रीकृष्ण की भक्ति में ही लीन हो गए। कलश यात्रा गंजपारा के विभिन्न स्थानों से होते हुए दुर्गा मंदिर पर पहुंची। इस बीच में श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा का फूलों द्वारा स्वागत किया। आचार्य डॉ विक्रांत दुबे द्वारा विधिपूर्वक पूजन किया गया। कथा वाचक आचार्य डॉ विक्रांत दुबे ने श्रद्धालुओं को पावन कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है। अत: इस कलश को धारण करने वालों सहित जिस जिस क्षेत्र में यह यात्रा जाती है उन सभी के लिए अति कल्याणकारी होती है। 
     आचार्य डॉ विक्रांत दुबे ने आज पहले दिवस की कथा में कहा कि जहां भी भागवत कथा होती है, वह स्थान दिव्य हो जाता है। भागवत ज्ञान गंगा है जिस प्रकार से गंगा सभी प्रकार की पुण्य प्रदान करती है। उसी प्रकार ज्ञान गंगा है। इसके सुनने कहने से पुण्य की प्राप्त होती है। 
    श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में संगीतमय भागवत कथा दिनाँक 9 से 17 नवम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी, 
     कथा के पहले दिन कथा वाचक आचार्य डॉ विक्रांत दुबे जी ने बताया कि कथा मनुष्य को मोक्ष देने वाली है। इसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य को सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने राजा परिक्षित की कथा का वाचन किया। 
   आज कलश यात्रा एवं कथा में तरुण पांडेय, अंशुल पांडेय, मनोज यादव, दिनेश शर्मा, मोना शर्मा, राकेश गुप्ता, प्रतिभा गुप्ता, उमाकांत देशमुख, रमाकांत देशमुख, मनीष सेन, सरिता शर्मा, नीलू पण्डा, चंचल शर्मा, प्रभा शर्मा, किरण सेन, सूजल शर्मा, वाशु शर्मा, सुखराम साहू, अंशु साहू दीनानाथ देवांगन राम देवांगन माया वर्मा हरीश सिन्हा ललिता सिन्हा राजू यादव शिव सिन्हा रुकमणी सिन्हा संजय सिन्हा एवं सैकडो धर्मप्रेमी उपस्थित थे।