डॉक्टर पर केस दर्ज, 15 लाख की ठगी का मामला
बिलासपुर। रेकी चिकित्सक ने खुद को एंटी करप्शन ब्यूरो का अधिकारी बताकर स्कूल संचालक से 15 लाख स्र्पये ले लिए। उसने स्कूल संचालक के साले-साली और भतीजे की सरकारी नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया था। स्र्पये मिलने के कुछ दिन बाद वह भाग निकला। स्र्पये वापस नहीं मिलने पर पीड़ित ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। सरकंडा के जबड़ापारा में रहने वाले अशोक कुमार पांडेय स्कूल संचालक हैं। 2019 में उनकी पत्नी मीनू पांडेय की तबीयत खराब रहती थी। इसी बीच उन्हें पता चला कि नेहरू नगर स्थित गणेश चौक के पास स्थित श्रीशंकर रेकी सेंटर हैं। यहां उपचार के बाद कई लोगों को लाभ हो रहा है। इस पर अशोक अपनी पत्नी को लेकर रेकी सेंटर के संचालक थानेश्वर प्रसाद शर्मा से मिले। लगातार मिलने के कारण उनकी जान-पहचान हो गई थी। इसी बीच थानेश्वर ने स्कूल संचालक को बताया कि वह एंटी करप्शन ब्यूरो में अधिकारी था। इसके कारण उसकी अधिकारियों से अच्छी जान-पहचान है। इसके माध्यम से उसने कई लोगों की सरकारी नौकरी लगवाई है। इस पर स्कूल संचालक ने अपने साले-साली और भतीजे की सरकारी नौकरी लगवाने के लिए कहा। 25 फरवरी 2021 को थानेश्वर ने नौकरी की प्रक्रिया को पूरी कराने के नाम पर स्कूल संचालक से छह लाख 50 हजार स्र्पये की मांग की। इस पर उन्होंने छह लाख 46 हजार 182 स्र्पये खाते में जमा करा दिए। इसके बाद रिश्तेदार के खाते से 50 हजार स्र्पये और जमा कराए। बाद में उन्होंने सात लाख स्र्पये नकद भी दिए। स्र्पये मिलने के बाद थानेश्वर अपने ठिकाने से गायब हो गया। इधर स्कूल संचालक को पता चला कि कई और लोगों ने भी थानेश्वर को नौकरी लगवाने के लिए स्र्पये दिए हैं। स्कूल संचालक ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।