अगासदिया परिसर में केदार दुबे की किताब का विमोचन
भिलाई। शनिवार को प्रसिद्ध कवि केदार दुबे के काव्य संग्रह अम्मर बाई कथे का विमोचन हुआ। चार पंक्तियों के छत्तीसगढ़ी चारगोडिय़ा इस संग्रह की विशेषता है। बिल्हा के रचनाकार केदार दुबे का यह नया संग्रह ज्ञान मुद्रा प्रकाशन से आया है । इससे पूर्व केदार दुबे के हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी में तीन संग्रह आ चुके हैं। विमोचन के अवसर पर केदार दुबे का सम्मान अतिथियों ने शाल श्रीफल से किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रवि श्रीवास्तव ने बधाई देते हुए कहा कि केदार दुबे लंबे समय से लिख रहे हैं । उनकी कविताएँ आकाशवाणी से लगातार प्रसारित हुई है। अगासदिया परिसर में बिल्हा के कवि की किताब का विमोचन बहुत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि लंबे समय तक रचनाशील रहना बड़ी साधना है। विशेष अतिथि डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि केदार दुबे भाषा शास्त्री एवं शिक्षा शास्त्री भी है। डॉ. सोनाली चक्रवर्ती विशेष अतिथि ने कहा कि छोटी छोटी रचनाएँ बड़े प्रभाव के साथ सामने आई हैं। तमाम विसंगति से जुझकर समाज साहित्य, कला एवं सेवा में ही सार्थकता तलाशता है। छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष डॉ. परदेशीराम वर्मा ने बधाई देते हुए कहा कि केदार दुबे की रचनाएँ लोकमंच के माध्यम से जन जन तक पहुँची है । वे आज भी रचनाशील हैं यह बड़ी खुशी की बात है। अगासदिया परिसर को उन्होंने विमोचन के लिए चुना यह उनका बिल्हा और भिलाई के बीच पुल बनाने का रचनात्मक प्रयास है। कार्यक्रम में रजनी नेल्सन, प्यारेलाल देशमुख, डॉ. चंद्रशेखर, दिलीप बंजारे, अजय शर्मा, मनोहर दास, त्रयंबक साटकर, सचिन निषाद, प्रो. अभिषेक सुराना, डॉ, रजनीश उमरे, योगेश पाण्डे, हेमलाल कौशल, बी.एल.मालवीय, प्रदीप वर्मा, नीतीश, करन वर्मा, निक्कू पटेल, रामलाल शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम संचालन नारायण चंद्राकर ने किया । अजय शर्मा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केदार बाई के आग्रह पर तुरंत तैयार होकर डॉ. परदेशीराम वर्मा ने उदारता का परिचय दिया है। वे साहित्यकार और कुशल संयोजक है।