रायपुर में नंगा प्रदर्शन करने वाले 29 लोगों की जमानत याचिका खारिज, अपर कलेक्टर का भाई भी है शामिल
रायपुर। राजधानी में नग्न प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सभी प्रदर्शनकारियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। मालूम हो कि 18 जुलाई को 29 युवकों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले 267 लोगों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राजधानी में नग्न प्रदर्शन किया था। पुलिस ने मामले में विधानसभा रोड, आमा सिवनी मोड़ के पास से 29 प्रदर्शनकारियों को पकड़ा था। पुलिस ने युवकों के खिलाफ थाना विधानसभा में धारा 146,147, 353, 332, 294 के तहत अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। प्रदर्शनकारियों के द्वारा जमानत के लिए अर्जी लगाई गई थी। आज इस मामले में सुनवाई करते हुए रायपुर जिला कोर्ट ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
ज्ञात हो कि 18 जुलाई को विधानसभा सत्र के पहले ही दिन एक ऐसा प्रदर्शन हुआ, जो अब पूरे छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। दरसअल, 29 प्रदर्शनकारियों ने फर्जी जाती प्रमाण पत्र के सहारे 267 लोगों के द्वारा नौकरी करने वालों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नग्न प्रदर्शन राजधानी में किया। मामले में पुलिस ने सभी 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पकड़े गए प्रदर्शनकारियों में मुख्य दो नाम सामने आए है। उनमें पहला नाम संजीत बर्मन और दूसरा नाम विनय कौशल का है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक का भाई अपर कलेक्टर है और छत्तीसगढ़ के एक जिले में पदस्थ है। संजीत और विनय ही मिलकर 29 लोगों के दल का नेतृत्व कर रहे थे। दोनों ने व्हाट्सएप पर एक ग्रुप बनाकर रखा था। इसी ग्रुप में सभी एक दूसरे से बातचीत कर रहे थे। अगर किसी को किसी से अर्जेंट में बात करना होता तो वो उसे सीधे कॉल न करके व्हाट्सएप पर कॉल करते थे।