छत्तीसगढ़ नन गिरफ्तारी मामला: सेशन कोर्ट से भी जमानत खारिज, अब NIA कोर्ट में होगी सुनवाई | उधर संसद में प्रियंका गांधी का हल्ला बोल

छत्तीसगढ़ नन गिरफ्तारी मामला: सेशन कोर्ट से भी जमानत खारिज, अब NIA कोर्ट में होगी सुनवाई | उधर संसद में प्रियंका गांधी का हल्ला बोल

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. मानव तस्करी और धर्मांतरण मामले में ननों को लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट से झटका लगा है. सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अब मामला बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट में सुना जाएगा। वहीं दूसरी ओर दो ननों की छत्तीसगढ़ में गिरफ्तारी को लेकर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को दिल्ली में संसद परिसर के बाहर ननो के गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ की सरकार से दोनों नन को रिहा करने की मांग की।

जानकारी के अनुसार लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे (FTSC) ने बताया कि मानव तस्करी का मामला होने के कारण यह प्रकरण हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता. इस मामले में सुनवाई का अधिकार केवल NIA कोर्ट को है. अब पीड़िता के वकील राजकुमार तिवारी ने बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल दोनों ननों को जेल में ही रहना होगा. 

आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है-प्रियांका गांधी

सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि "हम अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमले का विरोध कर रहे हैं। हम संसद में यह मुद्दा उठा चुके हैं और आज भी उठाएंगे। सच कहूं तो सरकार किसी भी चीज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। मुझे सरकार से किसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं है, लेकिन आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।" उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। ये भी महिलाएं हैं; उनके साथ दो या तीन महिलाएं और भी थीं। उन्हें इस तरह से बंधक बनाकर नहीं रखा जाना चाहिए, और आप लोगों पर उन चीजों का आरोप नहीं लगा सकते जो वे कर ही नहीं रहे हैं। हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह की सख्ती को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। ये भी महिलाएं हैं। उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।"

क्या है मामला?

बता दें कि मामले की शुरुआत भिलाई निवासी रवि निगम की शिकायत से हुई, जिन्होंने जीआरपी चौकी दुर्ग में आवेदन देकर सूचना दी कि बस्तर क्षेत्र की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण और मानव तस्करी के इरादे से दुर्ग रेलवे स्टेशन से आगरा भेजा जा रहा है। शिकायत के आधार पर थाना भिलाई, शासकीय रेल पुलिस द्वारा धारा 143 BNS और छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नारेबाजी करते हुए सभी को GRP के हवाले कर दिया था. GRP थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. जांच के दौरान आरोपीगण स्थानीय पंचायत या प्रशासन से संबंधित किसी वैध दस्तावेज या अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके अतिरिक्त, वित्तीय लेन-देन की जानकारी भी सामने आई है, जिसे विवेचना का अहम हिस्सा माना जा रहा है। न्यायालय में पेशी के बाद तीनों आरोपियों को 8 अगस्त तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। 

गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:

  • प्रीति मैरी (नन)

  • वंदना फ्रांसिस (नन)

  • सुखमत मंडावी (स्थानीय सहयोगी)