सरकारी स्कूल में 77 लाख रुपए की गड़बड़ी, 11 महीने में एक ही टीचर को 22 बार दी गई एरियर्स
प्रिंसिपल, क्लर्क और लेक्चरर के खिलाफ अपराध दर्ज
बिलासपुर। जिले बेलतरा स्थित हायरसेकेंडरी स्कूल में एरियर राशि में 77 लाख रुपए की गड़बड़ी करने का मामला सामने आने के बाद लेक्चरर को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है। स्कूल के तत्कालीन प्राचार्य ने बाबू के साथ मिलकर एक लेक्चरर को 11 महीने में 22 बार एरियर दे दिया। अब जांच के बाद पूरा मामला उजागर हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ प्राचार्य और क्लर्क ने ट्रेजरी के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत कर एक लेक्चरर को बतौर एरियर्स 77 लाख रुपए का बिल बनाकर भुगतान भी कर दिया। इस गड़बड़ी का खुलासा विभागीय ऑडिट और प्राचार्य की शिकायत से हुआ, तब अफसरों की नींद उड़ गई। विभाग ने क्लर्क को सस्पेंड करने के साथ ही लेक्चरर को रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया और तीन सदस्यीय जांच कमेटी से जांच कराई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अब प्राचार्य, लेक्चरर और क्लर्क के खिलाफ रतनपुर थाने में अपराध दर्ज कराया गया है।
जिम्मेदार अधिकारियों ने आंख मुंद कर जारी कर दी राशि
बेलतरा स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल में साल 2018 से 2019 के बीच महज 11 माह 20 दिन के भीतर का है। तब वहां प्राचार्य नरेंद्र राठौर अवकाश पर थे। उन्होंने लेक्चरर पीएल मरावी को प्राचार्य का प्रभार दिया गया था। साथ ही पीएल मरावी को ट्रांजेक्शन का अधिकार भी दिया। तब प्रभारी प्राचार्य मरावी, लिपिक कैलाश चंद्र सूर्यवंशी, लिपिक निर्मला सिदार और व्याख्याता पुन्नीलाल कुर्रे ने अलग-अलग तारीख में एरियर्स के 22 बिल देयक के लिए कोषालय (ट्रेजरी) में प्रस्तुत किया। बिल लेक्चरर पुन्नीलाल कुर्रे के नाम से बनाया गया और 77 लाख 71 हजार 932 रुपए ट्रेजरी से ऑनलाइन खाते में जमा कराकर भुगतान भी करा लिया। मजे की बात यह है कि शिक्षा विभाग और ट्रेजरी के जिम्मेदार अफसरों ने 11 माह के भीतर एरियर्स के लिए प्रस्तुत अलग-अलग बिल को नजर अंदाज कर दिया और आंख मूंद कर राशि जारी कर दी। इस बीच साल 2021 में गड़बड़ी का खुलासा होने के पहले ही कोरोना की दूसरी लहर में लेक्चरर मरावी का निधन हो गया। अब उनकी मौत के बाद पूरा घोटाला सामने आया है और पुलिस ने उन्हें भी आरोपी बनाया है।
लेक्चरर के याचिका को हाईकोर्ट ने कर दी थी खारिज
अपने खिलाफ रिकवरी आदेश जारी होते ही लेक्चरर पुन्नीलाल कुर्रे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद अमानत में खयानत वाले इस मामले में कुछ माह तक लेक्चरर पुन्नीलाल कुर्रे भी प्रभारी प्राचार्य रहे और डीडीओ के प्रभार में भी रहे। इस दौरान भी उन्होंने बिल बनाने में गड़बड़ी की है। यही वजह है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने लेक्चरर पुन्नीलल कुर्रे, क्लर्क कैलाश चंद्र सूर्यवंशी और क्लर्क निर्मला सिदार को नोटिस जारी किया। इस मामले में डीईओ डीके कौशिक ने लेक्चरर पुन्नी लाल कुर्रे को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले की शिकायत रतनपुर थाने में की है। पुलिस ने तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य प्यारेलाल मरावी (मृतक), व्याख्याता पीएल कुर्रे और बाबू कैलाश सूर्यवंशी के खिलाफ धारा 409, 420, 34 के तहत केस दर्ज किया है।