छत्तीसगढ़ के DGP अशोक जुनेजा को आवमानना का नोटिस
एएसआई ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
बिलासपुर। हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक जुनेजा को अवमानना नोटिस जारी किया गया है। दरअसल, आपराधिक केस से दोषमुक्त होने के बाद भी सेवा में बहाल नहीं करने पर सहायक उपनिरीक्षक (ASI) ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के आवेदनपत्र का निराकरण करने का आदेश दिया था। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी तय समय के भीतर उसके केस का निराकरण नहीं किया गया।
बीजापुर जिले के भैरमगढ़ निवासी आनंद जाटव सुकमा जिले में ASI था। उसके खिलाफ एक शिकायत हुई थी, जिस पर उसके खिलाफ सुकमा थाने में अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया । इसके बाद बस्तर IG ने उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की थी, जिसमें दोषी पाए जाने पर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद से यह मामला कोर्ट में चल रहा था।
इधर, 13 अप्रैल 2021 को सुकमा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ASI को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया, जिसके बाद उसने सेवा में बहाली के लिए DGP के समक्ष अपील की थी। उसकr अपील को DGP ने खारिज कर दिया। इस पर ASI जाटव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने चार जनवरी 2022 को DGP को याचिकाकर्ता के आवेदन का 60 दिनों के भीतर पुनरावलोकन करते हुए निराकरण करने का आदेश दिया था।
आदेश पर नहीं हुआ अमल तो लगाई अवमानना याचिका
इधर, तय समय के बाद भी जब DGP ने उसके आवेदनपत्र का निराकरण नहीं किया, तब ASI जाटव ने अपने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट ने न्यायालय की अवमानना याचिका दायर कर दी। इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीसैम कोशी ने DGP अशोक जुनेजा को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दोषमुक्त होने पर फिर से सेवा में बहाली का पात्र
हाईकोर्ट में बताया गया कि पुलिस रेगुलेशन 1861 के पैरा 241 में प्रावधान है कि अगर कोई शासकीय सेवक के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले में वह पूर्ण रूप से दोषमुक्त हो जाता है तो वह फिर से सेवा में बहाली का पात्र है। फिर भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी उसके आवेदनपत्र का निराकरण नहीं किया गया है।