सेल-भिलाई ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए निर्दिष्ट 9 मीटर लंबाई वाली टीएमटी बार्स की आपूर्ति को किया सुनिश्चित

सेल-भिलाई ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए निर्दिष्ट 9 मीटर लंबाई वाली टीएमटी बार्स की आपूर्ति को किया सुनिश्चित

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र जो राष्ट्रीय महत्व की बड़ी परियोजनाओं में उपयोग के लिए भूकंप और संक्षारण प्रतिरोधी गुणों के साथ उच्च शक्ति वाले टीएमटी बार का उत्पादन करता है, हाल के दिनों में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना में उपयोग के लिए टीएमटी बार की आपूर्ति कर रहा है, जो बुलेट ट्रेन परियोजना के रूप में प्रसिद्ध है। दिसंबर 2022 में सेल-बीएसपी ने हाई स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना की विशिष्ट लंबाई की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 16 मिमी व्यास में 9 मीटर लंबाई में 4000 टन टीएमटी बार्स संयंत्र के बार एवं राॅड मिल में रोल किए गए हैं, जिसमें से 3000 टन से अधिक परियोजना के लिए आपूर्ति किया गया है।

एमएएचएसआर परियोजना ज्यादातर बाह्य रूप से (एलीवेटेड) संचालित होगा। एमएएचएसआर परियोजना के लिए कार्य में वायडक्ट्स और पुल, मेंटेनेंस डिपो, सुरंगें, भौगोलिक संरचनाएं और स्टेशन शामिल हैं। स्टील और कंक्रीट ऐसे आयामों की किसी भी निर्माण परियोजना के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है।

एमएएचएसआर परियोजना के लिए सेल-बीएसपी द्वारा 500डी ग्रेड और विभिन्न आयामों में 70,000 टन से अधिक भूकंप प्रतिरोधी टीएमटी बार्स की आपूर्ति की जा चुकी है। एमएएचएसआर प्रोजेक्ट के लिए आपूर्ति की गई ईक्यूआर 500डी ग्रेड टीएमटी बार्स को प्लांट के आधुनिक बार एंड रॉड मिल द्वारा रोल किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह तीसरी बार है जब बीआरएम ने परियोजना के लिए आवश्यक 9 मीटर लंबाई में इस ग्रेड के भूकंप प्रतिरोधी (ईक्यूआर) टीएमटी बार्स की आपूर्ति की है। सेल-बीएसपी के टीएमटी बार्स का उपयोग पियर्स और गर्डर्स के निर्माण में किया जा रहा है जो स्टील पुलों की भार वहन क्षमता के साथ-साथ एमएएचएसआर परियोजना की विभिन्न अन्य संरचनाओं के लिए भी सहायक होंगे।

सेल-भिलाई जो पूरे देश में बांधों, थर्मल, हाइड्रो-इलेक्ट्रिक और परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं, पुलों, एक्सप्रेसवे, फ्लाईओवर, सुरंगों और ऊंची इमारतों के लिए स्टील की आपूर्ति करता आ रहा है। कुछ लैंडमार्क परियोजनाएं जहां सेल-बीएसपी स्टील का उपयोग निर्माण गतिविधियों के लिए किया गया है, उनमें बांद्रा वर्ली सी लिंक ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, आगरा एक्सप्रेस-वे शामिल हैं, जिन पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा चुके हैं और इसमें उत्तर और उत्तर-पूर्व भारत में कई पुल और सुरंगें भी शामिल हैं।

एमएएचएसआर पर हाई स्पीड ट्रेनें 508 किमी और 12 स्टेशनों की दूरी तय करते हुए 320 किमी प्रति घंटा की गति से चलेंगी। परियोजना की कम से कम 475 किमी लंबाई वायाडक्ट (नदी/सड़क/रेल) होगी जबकि लगभग 26 किमी आठ सुरंगों में होगी। अन्य भौगोलिक संरचनाएं लगभग 7 किमी लंबी होंगी। परियोजना में 12 स्टेशन और तीन डिपो होंगे। महाराष्ट्र में परियोजना की कुल लंबाई 156 किमी और गुजरात में 348 किमी है।