दुर्ग जिला परियोजना अधिकारी कमलाकांत तिवारी की जमानत याचिका खारिज

सैकड़ों फर्जी शिक्षाकर्मी की नियुक्ति का मामला

दुर्ग  जिला परियोजना अधिकारी कमलाकांत तिवारी की जमानत याचिका खारिज

मगरलोड। विकासखंड मुख्यालय मगरलोड के जनपद पंचायत में 2007 में सैकड़ों फर्जी शिक्षाकर्मी की नियुक्ति की गई है. इस मामले के प्रमुख आरोपी तत्कालिक सीईओ कमलाकांत तिवारी को मगरलोड पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. मामले की सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने कमलाकांत की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. कमलाकांत तिवारी वर्तमान में जिला परियोजना अधिकारी दुर्ग में पदस्थ हैं. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता फैजल रिजवी रायपुर और अनिल तिवारी दिल्ली से विशेष न्यायालय एसटी एससी में उपस्थित होकर विद्वान न्यायाधीश के एल चरयानी के समक्ष जमानत याचिका प्रस्तुत किया. प्रस्तुत दस्तावेज एवं वकीलों के पक्ष सुनने के बाद प्रार्थी आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू की भी दलील सुनी गई. शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक साहिल अली हाशमी ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा, जिसके बाद विशेष न्यायालय ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जनपद पंचायत मगरलोड 2007 में सैकड़ों फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला में सीईओ केके तिवारी की गिरफ्तारी के बाद चयन एवं छानबीन समिति के कई सदस्य फरार हो गए हैं. पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए गुप्त ठिकानों पर दबिश दे रही है. इसके पूर्व भी उच्च न्यायालय बिलासपुर में अग्रिम जमानत के लिए लगाया गया था. वहां भी खारिज किया जा चुका है.