सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास मूल मंत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नेतृत्व वाली सरकार कार्य कर रही है-तोखन साहू
दुर्ग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के प्रस्तुत बजट पर मीडिया के मित्रों से चर्चा दुर्ग के सर्किट हाउस में माननीय तोखन साहू जी केंद्रीय राज्य मंत्री (आवास एवं शहरी विकास) ने किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा किभारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है और उनके नेतृत्व वाली इस सरकार को ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए पुनः चुना है। हमारी नीतियों के प्रति उनके समर्थन, आस्था और विश्वास के लिए हम आभारी हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़संकल्प हैं कि सभी धर्म, जाति, लिंग और आयु के भारतीय अपने जीवन के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति करें।
जैसा कि अंतरिम बजट में कहा गया था, हमें 4 मुख्य समूहों नामतः ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अन्नदाता के लिए हमने एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करके लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वायदा पूरा किया। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।
इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई (MSME) और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं और पहले के पैकेज की घोषणा की गई, जिससे 5 वर्ष की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ होगा। इसके लिए केंद्रीय परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए का है।
इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए निम्नलिखित 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है।
1) कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
2) रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
3) समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4) विनिर्माण और सेवाएं
5) शहरी विकास
6) ऊर्जा सुरक्षा
7) अवसंरचना (Infra)
8) नवाचार, अनुसंधान और विकास, (Innovation, Research & Development) और
9) अगली पीढ़ी के सुधार (Next Generation Reforms)
प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता (Farmers Welfare)
•हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी।
• किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
• अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि (Natural Farming) के लिए सहायता दी जाएगी जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा।
• 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र (bio-input resource centres) स्थापित किए जाएंगे।
• सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने हेतु एक कार्यनीति बनाई जा रही है।
• प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
• हमारी सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी। इस वर्ष, डीपीआई का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा।
• झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। झींगा खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
• हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति लाएगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी आएगी।
• इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
• प्रधान मंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की गई।
• 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिणाम उन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।
• उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और फ्रेमवर्क तैयार की जाएं
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री साहू ने आगे कहा कि
• हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना, जो आंध्र प्रदेश और यहां के किसानों की जीवन-रेखा है, का वित्तपोषण करके इसे जल्दी पूरा करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
• औद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए, विशाखापत्तनम–चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरू औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में पानी, बिजली, रेलवे और सड़कों जैसी आवश्यक अवसंरचनाओं के लिए निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी। आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश हेतु इस वर्ष एक अतिरिक्त आबंटन प्रदान किया जाएगा।
मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया जाएगा जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में, हमारी सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना की शुरूआत करेगी। उन्हें रियल-लाइफ व्यवसाय वातावरण, विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा। इस योजना में ` 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और ` 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी। कंपनियों से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत अपनी सीएसआर निधियों से वहन करने की अपेक्षा की जाएगी।
औद्योगिक पार्क
• हमारी सरकार नगर आयोजना से संबंधित योजनाओं का बेहतर उपयोग करके राज्यों और निजी क्षेत्र की साझेदारी से 100 शहरों में या उसके आस-पास संपूर्ण अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित करने में सहायता करेगी।
• राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बारह औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी।
किराए का आवास
• औद्योगिक कामगारों के लिए वीजीएफ सहायता और एंकर उद्योगों की प्रतिबद्धता के साथ पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पोत-परिवहन उद्योग
• भारतीय पोत-परिवहन उद्योग की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा अधिक रोजगार सृजित करने के लिए स्वामित्व, पट्टे और फ्लैगिंग सुधारों को लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण खनिज मिशन
• हम महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) के घरेलू उत्पादन, रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन स्थापित करेंगे। इसके अधिदेश में प्रौद्योगिकी विकास, कुशल कार्यबल, विस्तारित उत्पादक दायित्व फ्रेमवर्क, तथा उपयुक्त वित्तीय तंत्र शामिल होंगे।
खनिजों का अपतटीय खनन
• हमारी सरकार पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू करेगी।
ऋण वसूली
• ऋण वसूली अधिकरणों के सुधार और सुदृढ़ीकरण के लिए कदम उठाए जाएंगे। वसूली में तेजी के लिए अतिरिक्त अधिकरणों की स्थापना की जाएगी।
प्राथमिकता 5: शहरी विकास
विकास केंद्रों के रूप में शहर
• राज्यों के साथ मिलकर, केंद्र सरकार “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की सुविधा उपलब्ध कराएगी। आर्थिक और आवागमन की योजना तथा नगर आयोजना स्कीमों का उपयोग करके शहरों के आस-पास के क्षेत्रों को सुव्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।
• शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास : परिवर्तनकारी प्रभाव के साथ मौजूदा शहरों के रचनात्मक ब्राउनफील्ड पुनर्विकास के लिए, केंद्र सरकार समर्थकारी नीतियों, बाजार आधारित तंत्र तथा विनियमन हेतु एक फ्रेमवर्क तैयार करेगी।
आवागमन उन्मुखी विकास (Transit Oriented Development)
• 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
शहरी आवास
• प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में ` 2.2 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी के एक प्रावधान की परिकल्पना भी की गई है।
• इसके अलावा, अधिक उपलब्धता के साथ दक्ष और पारदर्शी किराए के आवास बाजारों के लिए समर्थकारी नीतियां तथा विनियम भी बनाए जाएंगे।
राज्य सरकारों द्वारा भूमि संबंधी सुधार
• ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों में (1) भूमि प्रशासन, आयोजना और प्रबंधन, तथा (2) शहरी आयोजना, उपयोग और निर्माण उप-विधि शामिल होंगे। उपयुक्त राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर इन सुधारों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य
• ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों में निम्नलिखित शामिल होंगे (1) सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार निर्धारित करना, (2) संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, (3) वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण, (4) भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और (5) कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना। इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी।
शहरी भूमि संबंधी कार्य
• शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा। संपत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली बनाई जाएगी। इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार की सुविधा उपलब्ध होगी
श्री साहू ने आगे कहा कि टैक्स संभन्दित बिन्दु में
• आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी।
• धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव है। अनेक भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जा रहा है । ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से कम करके 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। कुल मिलाकर कहे तो टैक्स पे कर्ता को भी राहत दी गई है कुल मिलाकर हम कहे कि यह बजट सर्वस्पर्शी एवं सर्व समावेशी बजट है
आयोजित प्रेस वार्ता में दुर्ग जिला संगठन प्रभारी राजीव अग्रवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, भिलाई जिला अध्यक्ष महेश वर्मा, विधायक डोमन लाल कौर्सेवाडा, ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री रमशिला साहू, पूर्व विधायक सांवला राम डहरे , जिला महामंत्री सुरेंद्र कौशिक, मीडिया प्रभारी राजा महोबिया, सह मीडिया प्रभारी राकेश दुग्गड, सोशल मीडिया जिला प्रभारी रजनीश श्रीवास्तव उपस्थित थे।