बदल गया पढ़ने-पढ़ाने का तरीका, पहले अलग-अलग राज्यों के मूक बधिर बच्चे नहीं समझते थे एक-दूसरे के इशारे, अब पूरे भारत में होगा एक साइन लैंग्वेज
दिल्ली। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि पहले भारत में अलग अलग राज्यों में मूक बधिर बच्चों के लिए अलग-अलग साइन लैंग्वज होता था। इससे उत्तर प्रदेश का मूक बधिर बच्चा असम के मूक बधिर बच्चे का इशारा नहीं समझ पाता था, लेकिन अब पूरे भारत में मूक बधिर बच्चों के लिए एक ही साइन लैंग्वेज होगा। हमारे देश में पहली बार NEP 2020 के तहत भारतीय सांकेतिक भाषा को मानकीकृत किया गया है। केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान के माध्यम से अच्छी शब्दावली को बढ़ावा देने के लिए एक बहुभाषी शब्दकोश बनाया गया है। भारतीय भाषा समिति और NETF ने मिलकर एक रियल-टाइम ट्रांसलेशन आर्किटेक्चर बनाया है। भारतीय अनुवाद और व्याख्या संस्थान भी शुरू किया जाएगा। AICTE की गाइडलाइन कि शिक्षा स्थानीय भाषाओं में होनी चाहिए, को भी 19 राज्यों में लागू किया गया है। भारतीय भाषा की पाठ्यपुस्तकें 23 भाषाओं में जारी की जाएंगी।