पैसा देने के बाद भी घर हैंड ओवर नहीं करने पर युवक ने की खुदकुशी
सुसाइड नोट में 8 नाम जिसमें राजनेता भी शामिल
भिलाई। 30 लाख रूपए देने के बाद भी मैं मकान हैंडोवर नहीं करने से परेशान युवक ने खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट में 8 लोगों के नाम मिले हैं जिसमें कई रसूखदार लोग शामिल है। मामला समिति नगर थाना क्षेत्र का है। पलिस धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
पुलिस ने परिजनों के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर डालेष देशमुख, अभिषेक गौर व अन्य के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। स्मृति नगर चौकी प्रभारी ने बताया कि कुरुद रोड कोहका निवासी निर्भय यादव (45 साल) ने डालेष देशमुख से 30 लाख रुपए में मकान खरीदा था और अभिषेक गौर को मंडी काम करने के नाम पर 15 लाख रुपए दिए थे। डालेष रजिस्ट्री हो जाने के बाद भी पिछले 10 सालों से उसे मकान हैंडओवर नहीं कर रहा था। साथ ही अभिषेक गौर ने 20 दिनों में पैसे वापस करने का वादा किया लेकिन वापस नहीं दिए। निर्भय ने यह रकम कर्ज पर लेकर दी थी।
<span;>स्मृति नगर चौकी प्रभारी ने बताया कि कुरुद रोड कोहका निवासी निर्भय यादव (45 साल) ने डालेष देशमुख से 30 लाख रुपए में मकान खरीदा था और अभिषेक गौर को मंडी काम करने के नाम पर 15 लाख रुपए दिए थे। डालेष रजिस्ट्री हो जाने के बाद भी पिछले 10 सालों से उसे मकान हैंडओवर नहीं कर रहा था। साथ ही अभिषेक गौर ने 20 दिनों में पैसे वापस करने का वादा किया लेकिन वापस नहीं दिए। निर्भय ने यह रकम कर्ज पर लेकर दी थी।
पैसा वापस न मिलने और कर्जदारों के दबाव के चलते निर्भय मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया था। बीते 1 मार्च को उसने अपने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस की पूछताछ में परिजनों ने बताया कि निर्भय ने खुदकुशी डालेष देशमुख, अभिषेक गौर और कर्जदारों के दबाव में किया है। उन्होंने बताया कि निर्भय हर समय घर में खुदकुशी कर लेने की बात कहता था। वह कहता था कि उसे न तो मकान ही मिल रहा न पैसा। अभिषेक भी पैसा देने में आनाकानी कर रहा है। दबाव बनाने पर देख लेने की धमकी मिलती है। इससे वह काफी परेशान हो गया है और अब जीने की इच्छा नहीं है। पुलिस ने परिजनों के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर डालेष देशमुख, अभिषेक गौर व अन्य के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।
बताया जा रहा कि जब तक पुलिस खुदकुशी के मामले की जांच कर रही थी तब तक दोनों आरोपी शहर में ही थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके नाम एफआईआर दर्ज होने वाली है तो वह फरार हो गए। ऐसा कहा जा रहा है कि अभिषेक गौर का पूर्व में आपराधिक रिकार्ड है। उसके खिलाफ मारपीट के कई मामले दर्ज हैं। अभिषेक को उसके पिता की वजह से बीजेपी के बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।