चांदीपुरा वायरस को लेकर केंद्र सरकार का अलर्ट जारी, अब तक 48 बच्चों की हो चुकी है मौत, आप भी हो जाए सावधान, पढ़े पूरी खबर

बेहद खतरनाक है चांदीपुरा वायरस

चांदीपुरा वायरस को लेकर केंद्र सरकार का अलर्ट जारी, अब तक 48 बच्चों की हो चुकी है मौत, आप भी हो जाए सावधान, पढ़े पूरी खबर

नई दिल्ली। निपाह, जीका के बाद अब चांदीपुरा वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी किया है। इस वायरस से अब तक 48 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं 127 से ज्यादा नए मामले दर्ज हो चुके हैं। चांदीपुरा वायरस बेहद खतरनाक है. यह ज्यादातर 12 से 14 साल तक के बच्‍चों में पाया जाता है. इसमें बच्चों को सबसे पहले बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, डायरिया, उल्‍टी और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें तेज इंसेफेलाइटिस भी होता है।

गुजरात में लगातार बढ़ रहे हैं मामले और हो रही मौतों के बाद केंद्र सरकार ने पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी मैं सैंपल जांच के लिए दोबारा फिर से भेजे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि यह खतरनाक वायरस आसपास के राज्यों में भी फैल सकता है। इसमें फिलहाल राजस्थान में भी कुछ मामले संदिग्ध रूप से सामने आए हैं।

जानकारी के मुताबिक इस वक्त पूरे देश में सबसे ज्यादा गुजरात में चांदीपुरा वायरस को लेकर चिंता बनी हुई है। चांदीपुर वायरस से 48 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि 127 से ज्यादा नए मामले दर्ज हो चुके हैं। गुजरात में लगातार बढ़ रहे हैं मामले और हो रही मौतों के बाद केंद्र सरकार ने पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी मैं सैंपल जांच के लिए दोबारा फिर से भेजे हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि यह खतरनाक वायरस आसपास के राज्यों में भी फैल सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने प्रभावी इलाकों का जायजा भी लिया है। टीम में शामिल अधिकारियों के मुताबिक प्रभावित इलाकों में भीलोड़ा और मेगराज इलाके में लगातार सघन अभियान चलाया जा रहा है। मरीजों और इलाके में वायरस फैलाने वाली रेतमक्खी के नमूने इकट्ठे करके पुणे की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी में भेजा गया है। 

देश के तीन अलग-अलग राज्यों में मिले तीन अलग-अलग वायरस को लेकर केंद्र सरकार लगातार निगरानी कर रही है। गुजरात में चांदीपुरा वायरस तो केरल में निपाह और महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने इन मामलों के सामने आने के बाद एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी लगातार चांदीपुरा वायरस को लेकर गुजरात और आसपास के राज्यों में निगरानी भी कर रही है। केंद्र सरकार की क्विक रिस्पांस टीम के मुताबिक जिन राज्यों में अलग-अलग वायरस के मामले सामने आ रहे हैं वहां पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ समन्वय करके विशेषज्ञों की टीम भेजी जा रही है। रविवार को भी इस टीम की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है। जिसमें तीनों राज्यों की वर्तमान स्थिति पर आगे का पूरा प्लान तैयार किया गया।

क्या है चांदीपुरा वायरस?

चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है जो रबडोविरिडे फैमिली का हिस्सा है। इसी फैमिली के लाइसावायरस से रेबीज बीमारी भी होती है. चांदीपुरा वायरस मच्छरों के अलावा कीट-पतंगों के माध्यम से भी इंसानों में फैलता है। एडीज एजिप्टी मच्छर के अलावा सैंड फ्लाइज और फ्लेबोटोमस पपाटासी भी चांदीपुरा वायरस के वाहक माने जाते हैं। चांदीपुरा वायरस संक्रमित कीट-पतंग या मच्छर के लार ग्रंथि में मौजूद होता है। संक्रमित कीट-पतंग या मच्छर के काटने पर लार में मौजूद वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश कर व्यक्ति को संक्रमित कर देता है. यह वायरस सीधे व्यक्ति के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है जिससे संक्रमित व्यक्ति को एन्सेफलाइटिस यानी दिमाग के टिशू में सूजन भी हो सकता है.