पुलिस के खिलाफ लक्षित हमला था मस्जिद में ब्लास्ट, 100 लोगों की अब तक हो चुकी है मौत
10 से 12 किलो विस्फोटक सामग्री लेकर आया था हमलवार
वाशिंगटन (एजेंसी)। पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार दोपहर मस्जिद में हुए ब्लास्ट में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हमले में 150 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह ब्लास्ट पुलिस के खिलाफ लक्षित हमला था।
पेशावर के पुलिस प्रमुख मुहम्मद एजाज खान ने बताया, हम आतंकवादियों के खिलाफ कारर्वाई कर रहे हैं, इसीलिए हमें निशाना बनाया गया है। उन्होंने बताया, मस्जिद में दोपहर की नमाज के लिए 300 से 400 पुलिसकर्मी जमा हुए थे। इसी दौरान आत्मघाती हमला किया गया, जिससे एक दीवार और छत गिर गई और ज्यादातर पुलिसकर्मी मलबे के नीचे दब गए।
उधर, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत पुलिस बल के प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर एक अतिथि के रूप में मस्जिद में आया था और वह 10-12 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री लेकर दाखिल हुआ था। हमला उस उस वक्त हुआ, जब नमाजी जुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे। तभी अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली जिम्मेदारी
पाकिस्तान के पेशावर शहर के अति सुरक्षित क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद में आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। टीटीपी के मारे गए कमांडर उमर खालिद खुरासानी के भाई ने दावा किया कि आत्मघाती हमला उसके भाई की मौत का बदला लेने के लिए किया गया जो पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारा गया था। पाकिस्तान तालिबान के नाम से जाने वाले टीटीपी ने इससे पहले भी पाकिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं।
ऐसा तो भारत में भी नहीं होता
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को लेकर बेतुका बयान दिया है। दरअसल पेशावर की मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले पर बोलते हुए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि 'पूजा कर रहे लोगों पर भारत या इजरायल में भी हमले नहीं होते हैं लेकिन ऐसा पाकिस्तान में हो रहा है'। पाकिस्तान की संसद में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अब देश को एकजुट हो जाना चाहिए। बता दें कि पेशावर की मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में 90 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि 'हमें अपने घर को सही करने की जरूरत है'। उन्होंने कहा कि 'साल 2010 में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार में स्वात से इस लड़ाई का आगाज हुआ था और साल 2017 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की सरकार के समय यह खत्म हो गई थी और कराची से लेकर स्वात तक शांति स्थापित हो गई थी'।