नहीं मिली डीएपी खाद तो किसानों ने सोसाइटी में रखे कम्प्यूटर को तोड़ा

नहीं मिली डीएपी खाद तो किसानों ने  सोसाइटी में रखे कम्प्यूटर को तोड़ा

कवर्धा। कबीरधाम जिले के सेवा सहकारी समितियों मेंं खाद के लिए बवाल जारी है। अब रणवीरपुर समिति से मामला सामने आया है, जहां डीएपी खाद न मिलने पर किसानों ने हंगामा कर दिया। सोसायटी में तोड़फोड़ की गई। कम्प्यूटर सिस्टम उठाकर पटक दिए गए। आरोप है कि गोदाम में डीएपी खाद उपलब्ध होने के बाद भी चहेतों को पहले दिया जा रहा है। जबकि लाइन में लगे किसानों को इंतजार करते रहते हैं।

सहकारी समिति रणवीरपुर में 1 अगस्त को करीब 500 बोरी डीएपी खाद आई थी। खाद के लिए सुबह से ही किसानों की भीड़ लग गई। लाइन में लगकर किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन पीछे समिति के कर्मचारी अपने चहेतों को डीएपी खाद पहले बांट दिए। लाइन में लगे किसानों को इस बात पर गुस्सा आ गया और हंगामा शुरू कर दिए। ग्राम जमुनिया से आए किसान संतोष धुर्वे ने तो हद ही कर दी। टेबल पर रखे कम्प्यूटर का मॉनिटर उठाया और पटक कर तोड़ दिया।

कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक चालू खरीफ सीजन में सभी तरह के 41750 टन खाद भंडारण का लक्ष्य रखा गया था। कुल लक्ष्य के विरुद्ध 91 फीसदी यानी 38350 टन खाद का भंडारण कर चुके हैं। इसमें भी 33831 टन खाद किसानों को बांटा जा चुका है। अब भी सोसायटियों में 4519 टन खाद उपलब्ध है, वहीं गोदाम में 2681 टन खाद का स्टॉक रखा है। कृषि अधिकारियों की मानें, तो खाद का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। चालू सीजन में डीएपी खाद का संकट ज्यादा है। 7300 टन मांग के अनुरूप 5175 टन डीएपी का भंडारण हो पाया है। उसमें भी अब तक 4861 टन डीएपी किसानों को दिए गए हैं। स्टाॅक में अब 314 टन डीएपी बचा है। किसानों को खाद उपलब्ध करा रहे हैं।

रण्वीरपुर सोसायटी में 13 गांव के 2200 से अधिक किसान पंजीकृत हैं। यहां ग्राम रणवीरपुर, जमुनिया, गौरमाटी, पैलपार, गौरझूमर, गोरखपुर खुर्द, मगरवाह, कोसमंदा, मजगांव, और डुमरिया समेत अन्य गांवों के सैकड़ों किसान सुबह से खाद के लिए पर्ची कटाने लाइन में खड़े थे। समिति प्रबंधक विष्णु कौशिक का कहना है जो व्यक्ति तोड़फोड़ किया है, उसने शराब पी हुई थी।

रणवीरपुर समिति प्रबंधक विष्णु कौशिक का कहना है कि समिति के जरिए अब तक 13 गांव के किसानों को 125.200 टन खाद का वितरण हो चुका है। 500 बोरी डीएपी खाद आई थी, वह भी बांट दिए हैं। हंगामे के वक्त वे सोसायटी में नहीं थे। जैसे-जैसे खाद आ रहा है, किसानों को मांग के अनुरूप दी जा रही है। तोड़फोड़ मामले में अभी थाने में जुर्म दर्ज नहीं कराया गया है।