दिल से शिक्षक बने, दिमाग से नहीं-डॉ. शर्मा

रोटरी क्लब ऑफ भिलाई स्टील सिटी ने किया शिक्षकों का सम्मान

दिल से शिक्षक बने, दिमाग से नहीं-डॉ. शर्मा

भिलाई। शिक्षक की सारी पहचान अपने विद्यार्थी में छिपी रहती है। एक माता-पिता और शिक्षक तब ज्यादा खुश होते हैं जब विद्यार्थी का सम्मान होता है। दिल से शिक्षक बने, दिमाग से नहीं। दिल से शिक्षक बनेंगे तो विद्यार्थियों से स्नेह प्यार रहेगा और दिमाग से शिक्षक बनेंगे तो सिर्फ ट्यूशन तक ही सीमित रह जाएंगे, विद्यार्थियों के दिल में जगह नहीं बना पाएंगे। उक्त बातें कल्याण कॉलेज भिलाई कॉमर्स विभाग के डॉ. पीएस शर्मा ने सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों से कही।
रोटरी क्लब ऑफ भिलाई स्टील सिटी द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन 11 सितंबर को कॉफी हाउस भिलाई निवास में किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग अभय जायसवाल तथा विशिष्ट अतिथि कल्याण कॉलेज के डॉ. पीएस शर्मा  थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते डॉ. पीएस शर्मा ने उपस्थित जनों से अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि कई वर्षों पहले उन्हें हिन्दी पढ़ाने वाले शिक्षक (आचार्य) जनगणना कार्य के दौरान उनके घर पहुंचे। घर का दरवाजा खटखटाने पर उन्होंने दरवाजा खोला तो देख कि उनका शिक्षक है। वे अपने शिक्षक को पहचान गए। कुछ देर बात चीत करने के बाद डॉ. शर्मा ने अपने शिक्षक को गुरु दक्षिणा के रूप में कुछ आर्थिक मदद करना चाहा लेकिन आचार्य ने लिफाफे को छुकर वापस कर दिया। आचार्य ने डॉ. पीएस शर्मा से कहा कि  मेरी गुरु दक्षिणा उसी समय मिल गया था जब तुमने मुझे पहचान लिया था। यही मेरा गुरु दक्षिणा है। हमेशा ऐसी प्रयास करना चाहिए कि शिक्षक को देखकर कोई टीचर तो बन जाए। किसी बच्चे से पूछ लिजिए कोई डॉक्टर बनाना चाहता है तो कोई इंजीनियर, कोई आईपीएस अधिकारी लेकिन शिक्षक कोई नहीं बनना चाहता। बच्चे के लिस्ट में शिक्षक का नाम सबसे अंतिम में होता है। किसी आदमी को अगर एक मिनट में पहचानना हो तो उनसे उनके शिक्षक के बारे में बात करो। अगर वह व्यक्ति शिक्षक के संबंध में अच्छा सोच रहा है तो अच्छा इंसान है और अगर खराब सोच रहा है तो खराब इंसान है। हम जो धर्म निरपेक्षता की बातें करते हैं, वह तभी आएगी जब शिक्षक वैसा होगा। अगर शिक्षक हिन्दू, मुसलिम, सिख, ईसाइ बन गये तो विघटन हो जाएगा समाज का। एक शिक्षक भारत में जिस तरह से किसी सब्जेक्ट पर लेक्चर देता ठीक उसी प्रकार का लेक्चर वे दूसरे देशों में भी देंगे। शिक्षक का लेक्चर नहीं बदल सकता, शिक्षक का नजरिया नहीं बदल सकता। आज देश में कई ऐसे टीचर्स है जो विद्यार्थियों को बताते हुए नजर आते हैं कि तूम हिन्दू हो, सिख हो, ईसाई हो। शिक्षको को अधिकार ही नहीं है ऐसे बोलने का। ऐसा बोलकर विद्यार्थियों में जहर घोलने का काम किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है। एक जमाना ऐसा था जब स्कूल के छुट्टी होने के बाद कमजोर छात्रों के घर जाकर शिक्षक फ्री में पढ़ाए करते थे। इसके लिए वे कोई फीस नहीं लेते थे। जब विद्यार्थी अच्छे अंकों से पास हो जाता था तो शिक्षक के चेयरे में एक अलग ही चमक दिखती थी। वर्तमान में ऐसे शिक्षक न के बराबर है जो कमजोर बच्चों के घर जाकर फ्री में पढ़ाए। आजकल को तो कमाने का डेफिनेशन ही बदल गया है। जो शिक्षक ज्यादा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं वह बड़ा शिक्षक है। विद्यार्थी आपका पैर छुएगा, समारोह में सम्मान किया जाएग, आपको इज्जत मिलेगा और यही शिक्षकों की पूंजी है। शिक्षक को इसी से खुश होना पड़ेगा, विद्या को बेचिये मत। शिक्षक को अंदर से अच्छा होना है, ऊपर से नहीं और यह बहुत जरूरी है शिक्षकों के लिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने अभय जायसवाल ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक जो बच्चों को तैयार करते है, जो उनकी भूमिका होती है बहुत अहम रहती। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों से शासन द्वारा चलाए गतिविधियों में भागीदारी की अपील करते हुए नि:शुल्क शिक्षा देने की बात कही। कार्यक्रम में रोटरी क्लब ऑफ भिलाई स्टील सिटी के अध्यक्ष राजदीप सेन, सचिव विक्रम राज दुबे, पूर्व अध्यक्ष डॉ. अखिलेश यादव सहित बड़ी संख्या में शिक्षक व क्लब के सदस्य उपस्थित थे। राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

इन शिक्षक-शिक्षिकाओं का किया गया सम्मान
श्रीमती सुजाता घोष बेथनी स्कूल, बी कामेश्वर राव डीएसएम सेक्टर-6, श्रीमती रश्मि नामदेव शासकीय प्राथमिक शाला रिसाली ,  श्रीमती श्रीलता विजय ढवाला मैत्री विद्या निकेतन, श्रीमती चेतना नागवंशी आजाद स्कूल, श्रीमती संगीता चन्द्राकर शासकीय पूर्व प्राथमिक शाला सुपेला, प्रदीप रामटेके बीएनएस सेक्टर-8, श्रीमती सरिता नायर शंकरा सेक्टर-10 , श्रीमती साथी बर्धन श्री शंकराचार्य हुडको, श्रीमती सुधा गौर गुरुनानक स्कूल सेक्टर-6, श्रीमती प्रज्ञा सिंह शासकीय पूर्व प्राथमिक शाला हनोदा तथा यशार्थ मणी प्राचार्य केपीएस सुन्दर नगर को सम्मानित किया गया।