गुरु शिक्षा के माध्यम से एक साधारण छात्र को बनाता है सर्वोत्कृष्ट
बीएसएफ ने शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ मनाया शिक्षक दिवस
भिलाई। सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ में नक्सली अभियान के साथ साथ सामाजिक दायित्वों को भी बखुबी निभा रहा है। इसी क्रम में शिक्षकों के सम्म्मान में शिक्षक दिवस के अवसर पर 2 सितम्बर को इंदराज सिंह, महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल सामरिक मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढ के उपस्थिति में कृष्णा पब्लिक स्कुल परिसर में सीमा सुरक्षा बल सामरिक मुख्यालय के द्वारा शिक्षक दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी गण, अधिनस्थ अधिकारीगण, जवान एवं कृष्णा पब्लिक स्कुल के सम्माननीय शिक्षकगण और छात्र छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
सर्वप्रथम विघालय के शिक्षकों के द्वारा मुख्य अतिथि महानिरीक्षक महोदय को फुलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया, एवं स्कूली बच्चों के द्वारा अतिथि के सम्मान में स्वागत गीत गाया गया। इसके बाद कृष्णा पब्लिक संस्थान के उप कुलपति आनंद कुमार त्रिपाठी ने स्वागत सम्बोधन में विद्यालय के बारे में परिचय दिया। तत्पश्चात इंदराज सिंह, महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल सामरिक मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढऩे शिक्षकों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गुरु की महिमा को नहीं ऑका जा सकता, शास्त्रों में कहा गया है, गुरू स्वंय परमात्मा के समान हैं। उन्होने कहा जिस प्रकार कुम्हार अपनी कला से मिट्टी को गढकर सुन्दर बर्तन बना देता है, उसी प्रकार संसार में एक गुरू ही है, जो अपनी शिक्षा के माध्यम से एक साधारण छात्र को सर्वोत्कृष्ट डाक्टर, इंजिनियर, सैनिक, शिक्षक, खिलाडी आदि बनाता है। उन्होने सभी शिक्षकों को नमन किया और सभी को एक बार पुन: शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी, साथ ही महोदय ने सीमा सुरक्षा बल के इतिहास एंव सफलताओं के बारे में बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ में तैनाती के बाद से अब तक सीमा सुरक्षा बल ने घोर नक्सल प्रभावित इलाके में आम लोगो के उत्थान और मुख्य धारा में जोडने के लिये कुल 152 सिविक एक्शन प्रोग्राम और 86 मेडिकल कैंप चलाये गये जिसके तहत् 03 करोड़ 48 लाख 57 हजार रूपये की सहायता सामाग्री और दवाएं पिछड़े इलाकों में जरूरतमंदों को बांटी गई। स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत पिछले 03 साल में 119 युवाओ को रोजगार प्राप्ति हेतू सीमा सुरक्षा बल द्वारा विभिन्न क्रियाकलापों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। विगत 3/4 वषों में 35 आदिवासी युवा विनिमय कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसके अंतर्गत जिला कांकेर के 343 युवक और युवतियों को भारत के विभिन्न शहरों में भम्रण कराया गया। युवक और युवतियों को खेल-कुद में दक्ष करने, यूथ पॉवर को दिशा देनेे और लोगों के बीच में आपसी साम्ंाजस्य बनाने के लिए 38 स्पोर्टस क्लब की स्थापना की गई है जहां पर निरन्तर खेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय युवक और युवतियां बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं इसके साथ ही जब कोरोना काल अपने उच्चतम स्तर पर था, तो सीमा सुरक्षा बल ने जरूरतमंदों को राशन और दवा मुहैया कराया। स्थानीय लोगों ने सीमा सुरक्षा बल के इस कदम की काफी सराहना की। इसके अलावा कंाकेर में अति पिछडे क्षेत्रों को मुख्य धारा से जोडने के लिये सीमा सुरक्षा बल ने अतिसंवेदनशील इलाकों में सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यो जैसे सड़क निर्माण कार्य, माइनिंग प्रोजेक्ट, रेल प्रोजेक्ट तथा मोबाईल टॉवर निर्माण में सुरक्षा प्रदान कर रहा है। सीमा सुरक्षा बल के जिला कांकेर में 2009 से आने के बाद विकासात्मक कार्य भी बढ़ा है। नए स्कूल - 62, अस्पताल - 16, आंगनबाड़ी - 103, पंचायत भवन - 22, कम्युनिटी हॉल - 19, मोबाईल टॉवर - 94 कलवट तथा छोटे पुल - 169 तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगभग 550 किमी सड़क निर्माण कार्य किया गया है।
सीमा सुरक्षा बल कोयलीेबेड़ा प्रतापुर सड़क निर्माण कार्य को भी सुरक्षा प्रदान कर रही है जो कामतेड़ा और कटगांव जैसे अति संवेदनश्ील इलाको से होकर गुजरता है। पखांजूर से कोयलीबेड़ा के बीच की सड़क काफी महत्वपूर्ण है इस सड़क के बन जाने के बाद पंखाजूर से कोयलीबेड़ा के बीच की दूरी 130 की0मी0 से घटकर 42 की0मी0 हो जायेगी जिससे आम नागरिक पंखाजूर से कोयलीबेड़ा 01/02 घंटे में ही तय कर लेंगे। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल के तैनाती के इलाके में कुल 45 सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर इंदराज सिंह, महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल सामरिक मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढ ने सीमा सुरक्षा बल के इतिहास, बल द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्य, चयन प्रक्रिया एव नशा मुक्ति अभियान के बारे मे बताया । तत्पश्चात सीमा सुरक्षा बल पर बनी लघु फिल्म भी दिखाई गई।
अंत में मुख्य अतिथि महोदय ने शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया, सांथ ही सीमा सुरक्षा बल के टीम द्वारा बच्चों को उपहार एवं मिष्ठान वितरित किया गया।