बनना था नाली, बना दिया अजूबा: लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है डूमरडीह ग्राम पंचायत क्षेत्र में बनाई गई नाली
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से की जांच व दाषियों पर कार्यवाही की मांग
भिलाई (सुवांकर रॉय)। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की एक गांव में नाली बनना था, लेकिन पंचायत द्वारा वहां अजूबे का निर्माण करा दिया गया। हैरानी की बात है कि नाली निर्माण के दौरान वार्डवासियों द्वारा इसकी जानकारी ग्राम रोजगार सहायक, पंच सहित सरपंच को दी गई थी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। नाली बनाना था तो जल्दबाजी में अकुशल लोगों के माध्यम से आड़ा तिरछा नाली बना दिया गया। कुल मिलाकर इस नाली का आड़ा तिरछा निर्माण रुपये की बर्बादी और लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है।
दुर्ग जिले की ग्राम पंचायत डूमरडीह पोस्ट पतोरा के वार्ड क्रमांक 19 में एक साल पहले नाली का निर्माण कराया गया है। आप इसे नाली नहीं अजूबा कह सकते हैं। सड़क के ऊपार नाली बना दिया गया। नाली के बीच इसलिए जगह छोड़ा गया कि पानी सड़क पर जमा न हो और नाली में जा सके। वहीं नाली कुछ दूर जाकर गायब हो जाता है। लोगों को सड़क पर चलने में परेशानी न हो इसलिए बीच-बीच में नाली गायब है। ग्रामीणों ने समाचार के माध्यम से कलेक्टर दुर्ग सहित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
पंच व सरपंच से की थी घटिया निर्माण की शिकायत
चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पिछले वर्ष वार्ड 18 में सरपंच चक्षुप्रभा द्वारा यहां नाली का निर्माण कराया गया है। नाली निर्माण के दौरान ग्राम रोजगार सहायक भागवत दास, पंच सुरेश चन्दन आदि मौजूद थे। जब ग्रामीणों ने पाया कि आड़ा तिरछा व घटिया नाली का निर्माण किया जा रहा है तो उन्होंने इसकी शिकायत पंच, सरपंच से की थी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सड़क खोदकर बनाना था नाली
ग्रामीणों ने बताया कि खोदकर नाली बनाने के बजाए जल्दबाजी में सड़क के ऊपर दीवाल नुमा आकृति बनाकर नाली निर्माण की गई है। इस नाली निर्माण के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सही ढंग से नाली नहीं बनाने के कारण घरों से निकलने वाला गंदा पानी आज भी सड़क पर बह रहा है। ऐसे नाली का निर्माण कराया गया है कि वह किसी काम का नहीं।
निरीक्षण को नहीं पहुंचते अधिकारी
निर्माण कार्यों के दौरान अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किए जाने से इस प्रकार के हालात बनते है। कई बार देखा गया है कि निर्माण कार्यों के लिए रुपये तो जारी कर दिया जाता है लेकिन चाहे सड़क निर्माण हो, नाली निर्माण हो या आम जनता के हित से जुड़े निर्माण कार्य, जब इसका निर्माण कार्य चलता है तो अधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचते। फलस्वरूप आड़ा तिरछा सहित गुणवत्ताहीन निर्माण किए जाते हैं। जब निर्माण कार्य के दौरान अधिकारी अपने जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य स्थल पर निरीक्षण को पहुंचने लगेंगे तो सभी निर्माण गुणवत्तापूर्ण होंगे।
सरपंच ने नहीं उठाया फोन
इस विषय में ग्राम रोजगार सहायक भागवत दास का कहना है कि नाली का निर्माण तो किया गया है लकिन उन्हें इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है। वहीं ग्राम पंचायत डूमरडीह की सरपंच चक्षुप्रभा को फोन करने पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।