आरबीआई ने दी राहत, नहीं बढ़ेगी ईएमआई, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक ने अपनी रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक पिछले साल मई से अब तक 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चुका है। यानी इसका मतलब यह है कि कर्ज और महंगे नहीं होंगे और आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अशांति के नए दौर का सामना कर रही है। गवर्नर दास ने कहा कि 2022-23 में जीडीपी में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो दर्शाता है कि आर्थिक स्थिति लचीली थी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अप्रत्याशित रूप से रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई। आरबीआई की नीति की घोषणा से पहले रुपया 81.88 प्रति अमेरिकी डॉलर के निचले स्तर 82.06 पर गिर गया। शक्तिकांत दास कहते हैं, विकसित देशों में बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल पर आरबीआई कड़ी नजर रख रहा है।
फरवरी में हुई एमपीसी बैठक में रेपो दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी किया गया था। उस समय आरबीआई ने कहा था कि खुदरा महंगाई को काबू में रखने और उच्च विकास दर को बनाए रखने के लिए प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार की सुबह अपने बयान में कहा कि एमपीसी के सभी सदस्य रेपो रेट में बदलाव नहीं करने के पक्ष में थे। उन्होंने कहा कि भारत में बैंकिंग सेक्टर की स्थिति काफी मजबूत है। FY 23 में देश में अनाज उत्पादन में 6% की वृद्धि हुई है। आरबीआई के अनुसार FY 24 में महंगाई में कमी का अनुमान है। उन्होंने कहा कि FY 24 में जीडीपी ग्रोथ 6.5% प्रतिशत रह सकती है। उन्होंने कहा कि FY 23 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का 2.7% रहा।