बिल्डर मनोज राजपूत ने किसानों के साथ किया रजिस्ट्रार का घेराव, काम के एवज में रिश्वत मांगने का भी लगाया आरोप
दुर्ग। बिल्डर मनोज राजपूत ने पटेल चौक से पंजीयक कार्यालय तक गुरुवार दोपहर विरोध रैली निकाली। इसके बाद उन्होंने पंजीयक कार्यालय पहुंचकर जमीन पर बैठकर किसानों के साथ रघुपति राघव राजाराम का भजन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजना पर जिले के अधिकारी पानी फेर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री करने का आदेश दिया है। दुर्ग जिले को छोटे प्लाट की रजिस्ट्री में अव्वल बताया है। इसके बाद अचानक ऐसा क्या हो गया छोटे भू खंडों की रजिस्ट्री को बैन कर दिया गया है। किसान अपनी जमीन बेचना चाह रहा है, लेकिन उसकी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। राजपूत ने कहा कि जिले का एक बड़ा बिल्डर अपनी कालोनी के मकान बेचने के लिए ऐसा करवा रहा है। उसके इशारे पर कलेक्टर और जिला पंजीयक मिलकर प्लॉटिंग करने वालों का काम बंद कर रहे हैं। बिल्डर मनोज राजपूत ने सैकड़ों किसानों को लेकर जिला पंजीयक कार्यालय का घेराव कर दिया। मनोज राजपूत ने आरोप लगाया कि बड़े बिल्डर के इशारे पर कलेक्टर और जिला पंजीयक ने छोटे प्लाट की रजिस्ट्री को बैन कर दिया है। इससे किसान अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। उन्होंनें पंजीयक के सामने ही आरोप लगाया कि यहां सभी काम रिश्वत लेकर किए जाते हैं। इन सभी आरोपों को जिला पंजीयक ने नकारा है।
बिल्डर मनोज राजपूत ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पंजीयक कार्यालय में खुलेआम रिश्वत ली जा रही है। जीएसटी के नाम पर हर एक रजिस्ट्री पर एक हजार रुपए और यदि थोड़ी बहुत त्रुटि हो गई तो दस से बीस हजार रुपए रिश्वत ली जा रही है। बिना रिश्वत दिए किसा की भी रजिस्ट्री नहीं हो रही है। इस पर जिला पंजीयक पुष्पलता धुर्वे ने कहा कि ये आरोप गलत हैं। मनोज राजपूत ने कहा कि यदि जिला पंजीयक कार्यालय में रिश्वत नहीं ली जाती है तो फिर सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला पंजीयक इजाजद दें वो खुद किसानों के पैसे से यहां सीसीटीवी कैमरा लगवाएंगे। इससे सभी रजिस्ट्री में पारदर्शिता होगी।
किसानों ने कहा कि उन्हें अपने दवा, बेटी की शादी सहित कई अन्य जरूरी आवश्यकताओं के लिए रुपए की जरूरत पड़ती है। उन्होंने अपनी जमीन मनोज राजपूत को बेची है, लेकिन उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। मनोज राजपूत का कहना है कि उनकी जमीन की रजिस्ट्री होते ही वो रुपए देगा, लेकिन पंजीयक कार्यालय में कहा जा रहा है कि छोटे प्लाट की रजिस्ट्री बैन है। बिल्डर मनोज राजपूत ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में केस लगाया था। वहां से आदेश आया है कि छोटे प्लाट की रजिस्ट्री की जाए, लेकिन इसके बाद भी यहां मनमानी की जा रही है। इस पर जिला पंजीयक पुष्पलता धुर्वे ने कहा उनके पास ऐसा कोई भी आदेश नहीं आया। वो कलेक्टर से इस संबंध में बात करेंगी। इसके बाद यदि निर्देश मिलेगा तो रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी।