अडानी ग्रुप की बढ़ी मुसीबतें, अडानी ग्रुप को किस बैंक ने दिया कितना कर्ज? आरबीआई ने मांगी डिटेल

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज

अडानी ग्रुप की बढ़ी मुसीबतें, अडानी ग्रुप को किस बैंक ने दिया कितना कर्ज? आरबीआई ने मांगी डिटेल

नई दिल्ली (एजेंसी)। हिंडनबर्ग रिपोर्ट रिपोर्ट के बाद अडानी की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी इस मामले को लेकर अलर्ट हो गया है। केन्द्रीय बैंक ने भारतीय बैंकों से कहा है कि अडानी ग्रुप को दिए गए कर्ज की पूरी जानकारी मांगी है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अडानी समूह को कब कितना कर्ज दिया गया है, बैंकों को इसकी पूरी जानकारी देने को कहा गया है। 
बता दें कि भारतीय बैंकों का अडानी ग्रुप पर करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जो ग्रुप के कुल कर्ज का 38 फीसदी हिस्सा है। कुछ बैंक अधिकारियों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भी बैंकों से अडानी ग्रुप पर उनके एक्सपोजर के बारे में जानकारी मांगी है। हालांकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद बैंक निवेशकों की चिंता दूर करने में जुटे हुए हैं। 
इधर, पिछले छह कारोबारी दिन से लगातार अडानी ग्रुप के शेयर गिर रहे हैं। गिरावट का यह सिलसिला आज गुरुवार को भी जारी रहा। अडानी ग्रुप ने बुधवार को अपने एफपीओ को कैंसिल करने का ऐलान कर दिया। इससे शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों की आज जमकर पिटाई हो रही है। रिटेलनिवेशक अडानी ग्रुप के शेयर को बेचने में लग गए हैं। ग्रुप के शेयर आज शुरुआती कारोबार में ही बीएसई पर लगभग 10% तक गिर गए। अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में लोअर सर्किट लग गया है।

संसद से सड़क तक हंगामा शुरू, चर्चा पर अड़े 13 विपक्षी दल
कारोबारी गौतम अडानी की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर राजनीतिक हंगामा भी तेज हो गया है। एक तरफ इसके चलते शेयर बाजार में अडानी समूह की कंपनियां लुढ़क रही हैं तो वहीं संसद में भी विपक्ष हमलावर है। गुरुवार को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, शिवसेना, जेडीयू, एनसीपी और वामदलों समेत कई पाटिेयों ने मीटिंग की। इस बैठक में संसद में अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर चर्चा की मांग करने पर सहमति बनी। इसके बाद संसद शुरू हुआ तो सभी विपक्षी दलों ने एक सुर से अडानी के मुद्दे पर चर्चा की मांग उठाई और हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते लोकसभा की कायर्वाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कुल 13 दलों की एकता अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट के मुद्दे पर सामने आई है। इन पाटिर्यों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर चर्चा की मांग की है और अडानी समूह पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हुई मीटिंग में सपा नेता रामगोपाल यादव, आप सांसद संजय सिंह, शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई सांसद मौजूद थे। सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम समेत कई सांसदों ने चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। संसद की कायर्वाही शुरू हुई तो हंगामा मच गया। लोकसभा के साथ ही राज्यसभा की कायर्वाही भी 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। 

निवेशकों का हित सर्वोपरि है-अदाणी
अदाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार रात को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को वापस लेने का एलान किया। इसी के साथ समूह की तरफ से निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा भी की गई। अब इस एलान को लेकर गौतम अदाणी खुद वीडियो संदेश में दिखाई दिए हैं। गौतम अदाणी ने अपने बयान में कहा है कि पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड एफपीओ के बाद कल इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन कल देखे गए बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उद्यमी के रूप में 4 दशकों से अधिक की मेरी विनम्र यात्रा में मुझे सभी हितधारकों विशेष रूप से निवेशक समुदाय से भारी समर्थन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। मेरे लिए यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि मैंने जीवन में जो कुछ भी थोड़ा बहुत हासिल किया है, वह उनके विश्वास और भरोसे के कारण है। मैं अपनी सारी सफलता का श्रेय उन्हीं को देता हूं। गौतम अदाणी ने कहा, मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है और सब कुछ गौण है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन और डिलीवरी पर ध्यान देना जारी रखेंगे।