माता-पिता और गर्लफ्रेंड की हत्या कर गार्डन में दफनाने वाले साइको किलर को आजीवन कारावास की सजा
बंगाल के बांकुरा से शुरु हुई जांच छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई पूरी
रायपुर। सुंदरनगर की पॉश कालोनी में 15 साल पहले माता-पिता तथा गर्लफ्रेंड की हत्या के बाद उनकी लाश को घर के गार्डन में दफनाने वाले साइको किलर उदयन दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सोमवार को कोर्ट ने 2017 के बहुचर्चित हत्याकांड का फैसला सुनाया। उदयन ने 2010 में मां इंद्राणी और पिता वीरेंद्र दास की गला घोंटकर हत्या की फिर सैप्टिक टैंक के बहाने गड्ढा खुदवाकर उन्हें दफ्न कर दिया। उनकी मौत के बाद फर्जी दस्तावेजों से 7 साल तक मां के नाम की पेंशन लेता रहा। बाद में एक अधिवक्ता को मकान बेचकर भोपाल में बस गया।
2017 में भोपाल में उसने प्रेमिका की हत्या कर उसकी लाश भी वहां घर के गार्डन में गाड़ दी। प्रेमिका की हत्या में वह पकड़ा गया और उसके बाद दरिंदे की सच्चाई सामने आई कि 2010 में ही वह माता-पिता की हत्या कर चुका है। पुलिस जब उसे रायपुर लेकर आई तो हाई प्रोफाइल डबल मर्डर का सनसनीखेज खुलासा हुआ। पुलिस ने गार्डन की खुदाई करवायी। चार-पांच फुट गहरे गड्ढे में कंकाल और कुछ चूडिय़ां मिली। पांच साल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पुलिस ने कंकाल का डीएनए टेस्ट करवाया। उसमें पता चला कि एक लाश उदीयन की मां इंद्राणी और दूसरी पिता वीरेंद्र दास की हैं।
उदीयन दास की दरिंदगी की जांच बंगाल के बाकुंरा से शुरू हुई थी। बाकुंरा की 28 साल की आकांक्षा शर्मा उर्फ श्वेता दिसंबर 2016 में गायब हो गई। उसके माता पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बंगाल पुलिस ने तहकीकात शुरू की। पुलिस एक एक कड़ी जोड़ते हुए फरवरी में भोपाल के सांकेत नगर पहुंची। वहां उदयन रहता था। आकांक्षा उसके साथ लिव इन में रहती थी। आरोपी को जब हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और सख्त बर्ताव किया गया, तब उसने आकांक्षा की हत्या करना कबूल किया। आरोपी ने आकांक्षा की गला दबाकर की हत्या कर दी। फिर कमरे में गड्ढा खोदकर दफना दिया। पुलिस ने जमीन खोदकर शव निकाला। आकांक्षा का नर कंकाल मिल गया। पूछताछ के दौरान उदयन ने अपनी मां इंद्राणी और पिता वीरेंद्र कुमार दास की हत्या की बात कबूल किया है। 17 फरवरी को पुलिस उदयन को लेकर रायपुर पहुंची। उसके बाद जो सच सामने आया उससे पूरा शहर ही हैरान रह गया।
पढ़ाई के लिए डांटा तो माता-पिता की हत्या कर जमीन में गाड़ दिया
2010 अगस्त की रात बारिश हो रही थी। पढ़ाई को लेकर वीरेंद्र दास ने उदयन को डांटा। वह इतना नाराज हो गया। उसने पहले पिता वीरेंद्र दास (70) की गला दबाकर हत्या कर दी। उसके बाद मां इंद्राणी दास (67) की गला दबा दिया। दोनों के शव को कमरे में ले गया। रातभर शव के पास बैठा रहा। सुबह उसने सेप्टिक टैंक खोदने के लिए मजदूर बुलाया। मुकेश यादव आया और उसने गार्डन की खुदाई की। टैंकी के लिए गड्ढा खोदकर चला गया। देर रात वीरेंद्र और इंद्राणी के शव को गड्ढे में दफना दिया। कुछ दिन बाद उसने परिचित संदीप श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्हें मकान बेचने के लिए कहा। सुरेश दुआ के नाम से पावर ऑफ अटर्नी बनायी गयी। 2013 में मकान को अधिवक्ता हरीश पांडेय को 21 लाख में बेचकर चला गया। रिश्तेदारों को बताता था कि माता-पिता अमेरिका में शिफ्ट हो गए हैं।