मुंबई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र के सांगली जिले में ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी के दौरान 122 किलो उच्च गुणवत्ता वाली मेफेड्रोन (म्याऊं-म्याऊं ड्रग), नकदी, सोने के गहने, एक कार जब्त की गई। जिसकी कुल कीमत 253 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में मुख्य आरोपी प्रवीण शिंदे समेत कुल दस आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 34 वर्षीय शिंदे ही मेफेड्रोन ड्रग्स बनाता था।
ज्ञात हो की मुंबई पुलिस ने फरवरी में चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 7 करोड़ रुपये की 4 किलो एमडी जब्त की थी। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट-7 कर रही थी। छानबीन के दौरान पुलिस को कई सुराग मिले, जिससे पता चला कि सांगली में कुछ लोग एमडी ड्रग्स बना रहे हैं।
इराली गांव में चल रही ड्रग्स फैक्ट्री की पुष्टि होने के बाद 10 से अधिक अधिकारियों की पुलिस टीम ने धावा बोला। इस कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री से 122 किलो एमडी और ड्रग्स बनाने का कच्चा माल, केमिकल बरामद किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौके से छह आरोपियों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। तलाशी के दौरान पुलिस ने 15 लाख नकद और सोने के गहने और एक स्कोडा कार भी जब्त की। आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने सोमवार को सांगली जिले के इराली गांव में एक खेत पर छापा मारा और 122.5 किलो मेफेड्रोन जब्त की। आरोपी ड्रग्स बनाकर उसकी मुंबई शहर में आपूर्ति करते थे। छापेमारी में पुलिस को लैब उपकरण, ड्रायर, हीटर और कई तरह के केमिकल मिले, जिनका इस्तेमाल ड्रग्स बनाने में किया जाता था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी सात महीने से ड्रग्स फैक्ट्री चला रहे थे। पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी प्रवीण शिंदे को इस सिंडिकेट में ‘डॉक्टर’ कहते थे। वह सांगली जिले के तसगांव का रहने वाला है। मुंबई के करीब मीरा रोड में जन्मा प्रवीण शहर में ही बड़ा हुआ। उसने कक्षा 10 तक पढाई की। वह मादक पदार्थ बनाने में मास्टर है।
प्रवीण ने उत्तर प्रदेश जाकर एमडी ड्रग्स बनाना सीखा और फिर अपने साथियों के साथ मिलकर इराली गांव में एक लैब बनाया, जहां ड्रग्स बनाया जाता था। गिरफ्तार किए गए 5 आरोपी सांगली के किसान हैं। आरोपियों ने गांव में अंगूर के खेतों से घिरी 12 एकड़ जमीन खरीदी थी।