बेनजीता रही मंत्रियों के साथ किसानों नेताओं की देर रात तक चली बैठक, किसानों की दिल्ली मार्च आज

दिल्ली में एक महीने तक लगी रहेगी धारा 144

बेनजीता रही मंत्रियों के साथ किसानों नेताओं की देर रात तक चली बैठक, किसानों की दिल्ली मार्च आज


चंडीगढ़. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली-चलो’ मार्च पर निकले किसानों को रोकने की केंद्र सरकार की कोशिश विफल हो गई है. सोमवार देर रात तक किसान नेताओं और 

केंद्रीय मंत्रियों के बीच चली बैठक बेनतीजा रही. यह बैठक करीब 5 घंटे तक चली. सूत्रांे के अनुसार किसान मंगलवार सुबह 10 बजे से ‘दिल्ली मार्च’ शुरू करेंगे. वहीं दिल्ली पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। राष्ट्रीय राजधानी को छावनी में बदल दिया गया है। सोमवार से 30 दिन के लिए पूरी दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है। कुंडली-सिंघु, टीकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं की किलेबंदी कर दी गई है।  वहीं खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शेष मुद्दों को एक समिति के गठन के माध्यम से सुलझाया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा चाहती है कि हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा सकें. हम अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं. देर रात तक चली बैठक में केंद्र सरकार ने 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने पर सहमति जताई है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि किसान नेता फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून को बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं.

  • किसानों की प्रमुख मांगें
    स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
    किसानों और खेत मजदूरों की कर्जमाफी की मांग
    लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा की मांग
    लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग
    किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने की मांग
    पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी
    200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले
    700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग
    फसल बीमा सरकार खुद करे
    किसान और मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपये महीना मिले
    विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर किया जाए