रसमड़ा के रायपुर स्टील एण्ड पावर प्लांट में श्रमिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ -मिश्रा

सुरक्षा मानदंडों के उलंघन पर कारखाना नियोक्ता के खिलाफ एफ आईआर की मांग

रसमड़ा के रायपुर स्टील एण्ड पावर प्लांट में श्रमिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ -मिश्रा

भिलाई। रायपुर स्टील एण्ड पावर प्लांट रसमडा में श्रमिकों की सुरक्षा से लगातार खिलवाड किये जाने की शिकायत उपसंचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा दुर्ग से की गई है। यह शिकायत छत्तीसगढ़ इंजीनियरिंग कर्मचारी संगठन भिलाई के महासचिव एचएस मिश्रा ने ज्ञापन सौंपकर की है। उन्होंने बीते 5 अगस्त को कारखाने में हुई दुर्घटना को सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा करार दिया है। श्री मिश्रा ने इस मामले में कारखाना नियोक्ता के खिलाफ एफ आईआर दर्ज करने की मांग रखी है।
प्रदेश के वरिष्ठ श्रमिक नेता एवं छत्तीसगढ़ इंजीनियरिंग कर्मचारी संगठन भिलाई के महासचिव एच. एस. मिश्रा ने बताया कि रसमड़ा स्थित रायपुर स्टील एण्ड पावर प्लांट में खतरनाक प्रक्रिया (हजारडनेस प्रोसेस) का संचालन होता है। वहां श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के नाम से सिर्फ  खिलवाड़ हो रहा है। बिना सुरक्षा उपकरण प्रदान किए श्रमिकों से खतरनाक कार्यों में 12-12 घंटे और रविवार सहित महीने भर में 30 से 31 दिन काम लिया जाता है। जिसका अतिरिक्त भुगतान के रूप में डबल ओव्हर टाईम भी श्रमिकों को नही दिया जाता है। फैक्ट्री की सभी मशीने पुरानी हो गयी है। पुरानी मशीनों में काम करते समय अत्यंत आवश्यक सुरक्षा उपकरणों जैसे सेप्टी बेल्ट हेलमेंट, ग्लोबस, गाग्लस, गमबूट आंखों के चश्मे का अभाव रहता है। फैक्ट्री के बायलर वगैरह अत्यंत पुराने है जो कभी भी फट सकते है। जिससे सैकडों कर्मचारी दुर्घटना ग्रस्त हो सकते है। कभी भी बायलर की जांच नहीं होता है। सेप्टी रजिस्टर भी नहीं रखा जाता है।
श्री मिश्रा ने बताया कि प्राथमिक उपचार से संबंधित आवश्यक सामाग्री जो कर्मचारियों के पास उपलब्ध रहना चाहिए उसका भी नितांत अभाव है। यूनियन के महासचिव की हैसियत से उन्होंने पूर्व में भी संस्थान के संचालकों को औद्योगिक स्वास्थ्य व सुरक्षा से संबंधित लापरवाही से बाज आने का निवेदन किया था। किन्तु संस्थान संचालकों ने सुझाव के पत्रों को रद्दी का टुकडा समझकर नजरअंदाज कर दिया। श्रम कानूनो के पालन संबंधी पत्रों पर भी संस्थान के संचालकों का हमेशा नकरात्मक रवैया रहा है। कारखाना संचालकों द्वारा अपने राजनीतिक और प्रशासनिक पकड़ का हवाला देकर मनमानी तरीके से श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसके कारण श्रमिको के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ उनके कार्य व कार्य की शर्तों तथा वेतन भत्ते के लिये भी असुरक्षा का वातावरण बना हुआ है।
श्री मिश्रा ने बताया कि कारखाने के संचालकों का कहना है कि हमें जैसे कारखाना चलाना है, वैसे ही चलाएंगे। नियम कानून की बातें जो ज्यादा बताते है उसे जो हमारा बिगाडऩा हो बिगाड़ लें। उन्होंने कहा जहां श्रमिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा के साथ-साथ आस पास रह रहे लोगों का भी स्वास्थ्य व सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है। उनके संचालकों की औद्योगिक, स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर नकारात्मक सोच व रवैये के कारण ही बीते अगस्त की रात लगभग 11.30 से 12.00 बजे के बीच दुर्घटना घटित हुई है। जिससे श्रमिक खेमलाल साहू की मृत्यु हो गयी। अन्य श्रमिक टेवेन्द्र कुमार साहू व सदानंद सिंह गंभीर रुप से घायल है। दुर्घटना में टेवेन्द्र 50 प्रतिशत जल गया है और सेक्टर 9 अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। जबकि दूसरा घायल सदानंद सिंह आरोग्यम अस्पताल में भर्ती है। इन दोनों श्रमिकों का समुचित इलाज होना चाहिए जब तक कि वे पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाएं।
श्री मिश्रा ने रायपुर स्टील एण्ड पावर प्लांट रसमड़ा के संचालकों के विरुद्ध कारखाना अधिनियम के अन्तर्गत प्रावधानों को तथा औद्योगिक, स्वास्थ्य व सुरक्षा संबंधी प्रावधानों को कड़ाई से पालन कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ साथ 5 अगस्त के दुर्घटना की गहराई से जांच कर संचालक के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की मांग रखी है। इस संबंध में उन्होंने संभागायुक्त दुर्ग, आईजी दुर्ग रेंज, कलेक्टर दुर्ग, एसपी दुर्ग एवं चौकी प्रभारी अंजोरा को ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रेषित किया है।