नूंह हिंसा: नासिर और जुनैद का बदला लेने राजस्थान से भी आए थे दंगाई

नूंह हिंसा: नासिर और जुनैद का बदला लेने राजस्थान से भी आए थे दंगाई

नूंह (एजेंसी)। 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के पीछे भले ही पुलिस अभी तक किसी 'मास्टरमाइंड' की तलाश नहीं कर पाई है, लेकिन यह तो तय है कि दंगाई पहले से इसकी तैयारी में थे। नूंह में आग लगाने वाले सिर्फ स्थानीय लोग नहीं थे बल्कि बाहर से भी आए थे। राजस्थान से भी बड़ी संख्या में दंगाई नूंह पहुंचे थे और जमकर उपद्रव मचाया। बताया जा रहा है कि हिंसा में शामिल रहे राजस्थान के ये आरोपी नासिर और जुनैद की हत्या का बदला लेने के लिए आए थे। इनका मानना था कि कथित तौर पर नासिर और जुनैद की हत्या करने वाले गौरक्षक आरोपियों पर पुलिस ने पर्याप्त ऐक्शन नहीं लिया। 
राजस्थान के भरतपुर और अलवर से आकर हिंसा करने वाले करीब 20 संदिग्धों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है जबकि करीब 50 की तलाश चल रही है। चार आरोपी घाटमीका के रहने वाले हैं, जोकि नासिर और जुनैद का गांव है। आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि बदला लेने के लिए वे नूंह आए थे। वे मोनू मानेसर समेत अन्य गौरक्षकों से वह नासिर और जुनैद की हत्या का बदला लेना चाहते थे। मोनू मानेसर के यात्रा में शामिल होने के ऐलान और दोनों तरफ से सोशल मीडिया पर दी जा रही चुनौतियों के बीच ये आरोपी नूंह पहुंचे थे। 
सूत्रों के मुताबिक, एक आरोपी ने पुलिस के सामने कहा कि घटना के कई महीने बाद भी मोनू मानेसर पकड़ा नहीं गया है। कुछ दिन तक अंडरग्राउंड रहने के बाद वह लगातार हम लोगों को चिढ़ा रहा था। सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके चुनौती दी जा रही थी। यात्रा में शामिल होने का ऐलान किया। हमें यह बदले का मौका दिखा और हम आगे बढ़ गए। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने 'बदला' लेने के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप का भी इस्तेमाल किया। नूंह के एसपी नरेंद्र बिरजानिया ने कहा है कि पुलिस राजस्थान पुलिस से संपर्क में है और आरोपियों को पकड़ने के लिए मदद ले रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस सहयोग कर रही है और अब तक कई आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। 
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में भरतपुर के रहने वाले नासिर और जुनैद की हरियाणा के भिवानी में हत्या कर दी गई थी। 15 फरवरी को लापता हुए पशु व्यापारी नासिर और जुनैद की जली हुई लाश 16 फरवरी को बरामद की गई थी। दोनों को बोलेरो गाड़ी के साथ जला दिया गया था। हत्या का आरोप मोनू मानेसर समेत अन्य गौरक्षकों पर लगा। तब से ही भरतपुर, अलवर से लेकर हरियाणा के कुछ जिलों में तनाव बना हुआ था। मोनू मानेसर को अब तक राजस्थान पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। नूंह में हिंसा से एक दिन पहले मोनू का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उसने अधिक से अधिक लोगों के ब्रजमंडल यात्रा में शामिल होने की अपील की थी। उसने खुद भी यात्रा में आने की बात कही थी। हालांकि, वह खुद शामिल नहीं हुआ था। हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों घायल हो गए।