भक्तों की मांग पर 24 फरवरी तक बढ़ाई गई शिवजी की आध्यात्मिक प्रदर्शनी
दुर्ग. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर के विशाल प्रांगण में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर द्वादश ज्योतिर्लिंग की झांकी , शिव व शंकर की चैतन्य झांकी , बच्चों के लिए मूल्य आधारित खेल , 45 फीट ऊंचा शिवलिंग , निरंतर दुग्धाभिषेक होता हुआ अनोखा शिवलिंग व आने वाली नई सृष्टि की विश्व नव निर्माण आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है यह झांकी 12 फरवरी से 19 फरवरी तक आयोजित की गई थी, किन्तु भक्तजनों की माँग पर यह झॉकी 24 फरवरी तक बढ़ाई गयी है जिसका समय शाम 5 से रात्रि 9 बजे तक रहेगा ।
आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर "हर हर शंभू " भजन से अपार ख्याति अर्जित करने वाली भजन गायिका अभिलिप्सा पंडा जी का बघेरा स्थित आनंद सरोवर में आगमन हुआ उन्होंने रीटा बहन , रूपाली बहन , चैतन्य प्रभा व अपने पिता अशोक पंडा जी के साथ दीप प्रज्वलित किया साथ ही सभी के सम्मुख अपने गीतों की चंद पंक्तियों की प्रस्तुति भी दी साथ ही आप ने बताया कि इस स्थान पर आकर मुझे एक अलौकिक शांति की अनुभूति हुई विशेष महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दीदी ने मुझे आमंत्रित किया यह मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है ।
ब्रह्माकुमारीज दुर्ग की संचालिका रीटा बहन ने बताया कि आज हम सभी महाशिवरात्रि का पावन पर्व मना रहे हैं यह वास्तव में निराकार परमपिता परमात्मा शिव के जन्म दिवस की यादगार है चूंकि परमात्मा का हमारे जैसे देह नहीं है वो निराकार विदेही है परमपिता परमात्मा एक साधारण मानव तन का आधार लेते हैं जिनको दिव्य नाम देते हैं प्रजापिता ब्रह्मा तो उनके मुख के द्वारा दिए गए ज्ञान को जो बहनें धारण करती है वे सभी ब्रह्माकुमारी कहलाती है चूंकि यहां शिक्षा देने वाला कोई साधारण व्यक्ति नहीं है स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव है और यहां किसी भी प्रकार का कोई जाति धर्म बंधन इसलिए नहीं है क्योंकि शिक्षा परम आत्मा द्वारा मनुष्य आत्माओं को मिलती हैं इसलिए इसे ईश्वरीय विश्व विद्यालय भी कहा जाता है। निराकार परमात्मा तीन देवताओं के द्वारा अपना कार्य कराते हैं ब्रह्मा के द्वारा नवीन सृष्टि की स्थापना , विष्णु के द्वारा पालना व सृष्टि पुरानी व तमोप्रधान हो जाती है तो इसका विनाश शंकर के द्वारा कराते हैं । अतः परमात्मा शिव रचयिता है व शंकर उनकी रचना है इसी के यादगार स्वरूप में शिव मंदिर में शिव पर तीन बेलपत्र चढ़ाते हैं अक् वा धतूरा इसलिए चढ़ाते हैं परमात्मा कहते हैं कि आप अपनी सारी बुराइयों को अर्पण कर दो तो मैं तुम्हें सद्गुणों से भरपूर कर दूँगा ।