चेक रिपब्लिक से अमेरिका लाए गए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता, खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप

चेक रिपब्लिक से अमेरिका लाए गए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता, खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप

वॉशिंगटन. भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में  चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। 52 साल के गुप्ता को पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पिछले साल अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। तबसे वह वहां के प्राग की एक जेल में बंद थे। अब उन्हें अमेरिका लाया गया है। उन्हें आज न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है। 

संघीय अभियोजकों का आरोप है कि गुप्ता ने पन्नु की हत्या के लिए एक हत्यारे को काम पर रखा था और उसे 15,000 डॉलर का अग्रिम भुगतान किया था। उनका आरोप है कि इसमें एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी शामिल था। गुप्ता का प्रत्यर्पण वार्षिक आईसीईटी वार्ता के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की नई दिल्ली यात्रा से पहले हुआ है। उम्मीद है कि सुलिवन अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे। भारत ने इस तरह के मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और आरोपों की जांच शुरू की है।

पिछले महीने द वाशिंगटन पोस्ट ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पन्नू को मारने की कथित साजिश के संबंध में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के एक अधिकारी का नाम लिया था। रॉ अधिकारी विक्रम यादव ने पन्नू को मारने के लिए एक हिट टीम बनाई थी। इस रिपोर्ट को भारत ने खारिज कर दिया था। साथ ही आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर भारतीय जांच के नतीजों का इंतजार कर रहा है। 

अमेरिका के न्याय विभाग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक है, जिन्हें बीती 30 जून को चेक रिपब्लिक की सरकार ने पकड़ा था। अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि भारत के एक सरकारी अधिकारी, जिसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है, निखिल  गुप्ता और अन्य उस सरकारी अधिकारी के संपर्क में थे। ये लोग अमेरिका में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, जो भारतीय मूल का है और अमेरिकी नागरिक है, उसकी हत्या की साजिश रच रहे थे। निखिल गुप्ता ने 30 जून को चेक रिपब्लिक का दौरा किया था, जहां उसे अमेरिका की विनती पर चेक रिपब्लिक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।