दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाया: रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में अंतिम संस्कार

दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाया: रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में अंतिम संस्कार

पीलीभीत (एजेंसी)। पीलीभीत में सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे गांव के बाहर श्मशान भूमि में किशोरी के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। शव पहुंचने के बाद करीब एक घंटे तक जद्दोजहद चलती रही। इसके बाद प्रभारी डीएम से बातचीत के बाद परिवार वाले अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। करीब सवा आठ बजे किशोरी की अर्थी गांव के बाहर श्मशान भूमि पर ले जाई गई। श्मशान भूमि से करीब 200 मीटर पहले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हट गए। साढ़े आठ बजे पिता ने बेटी की चिता को मुखाग्नि दी। पुलिस दूर खड़ी रही। गांव में लाइट है, लेकिन श्मशान घाट में बिजली की व्यवस्था नहीं थी। गांव की गलियों में भी कई जगह अंधेरा था। ऐसे में मोबाइल की टॉर्च का सहारा लेकर शव को श्मशान घाट तक लेकर जाया गया। 
शाम को जब पुलिस अधिकारी गांव पहुंचे तो आरोपी पक्ष की करीब 30-40 महिलाएं इकट्ठा होकर बाहर निकल आईं। उनका कहना था कि पुलिस ने आरोपियों को गलत गिरफ्तार किया है। घटना वाले दिन आरोपी गांव में ही नहीं थे। इधर, पीड़ित पक्ष का कहना था कि ये महिलाएं हमला करने के मकसद से आ रही हैं। इससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। पुलिस ने महिलाओं को लौटा दिया। महिलाएं अधिकारियों से नहीं मिल सकीं। इसके बाद पीड़ित परिवार के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई।
एसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। मुकदमा हत्या की धारा 302 में तरमीम होगा। साथ ही जल्द मुकदमे को ट्रायल पर लाकर आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी। साथ ही गांव में रोजाना पुलिस गश्त करेगी। पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। एसपी ने बताया कि पुलिस की तरफ से पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की गई। एसओ स्तर के दरोगा को लखनऊ में ही कैंप कराया गया। उन्होंने खुद लखनऊ केजीएमसी में डॉक्टर से बात करके किशोरी को बेड दिलवाया था।