सरकारी जमीन फर्जीवाड़ा मामले में नजूल अधिकारी, दो आरआई और बाबू पर एफआईआर दर्ज
भूमाफियों से सांठगांठ कर कौड़ियों के दाम पर बेच दी करोड़ों की जमीन
अंबिकापुर। अंबिकापुर शहर के राजमोहनी भवन के पीछे स्थित बेशकीमती शासकीय भूमि के क्षति मामले में आज तत्कालीन नजूल अधिकारी, दो आरआई और जिला नजूल कार्यालय में पदस्थ बाबू पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार जांच में अभी और नाम बढऩे की संभावना है। मामले में पूर्व में ही कलेक्टर ने अनावेदक बंसू सहित 8 अनावेदकों को कलेक्टर न्यायालय में 14 मार्च को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने कहा है। शहर में भूमाफियाओं के विरुद्ध की जा रही यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
गौरतलब है कि उक्त जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत समाजसेवी कैलाश मिश्रा ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित कलेक्टर सरगुजा से की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उक्त मामले में संलिप्त लोगों ने 4.22 एकड़ जमीन को राजस्व विभाग के अधिकारी सहित कुछ पटवारी व राजस्व निरीक्षक की मिलीभगत से 50 करोड़ से अधिक राशि में बिक्री कर दिया गया है। ज्ञापन में यह भी बताया गया था कि भूमि को पहले समूह बनाकर बंसू राम निवासी परसा के नाम फर्जी तरीके से चढ़ाया गया, फिर उसे अलग-अलग मद में कई भूखंड बनाकर कई जमीन माफियाओं द्वारा बेच दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार राजमोहनी देवी भवन के पीछे स्थित लगभग सवा 4 एकड़ गोचर मद की भूमि को राजस्व के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भूमाफियों से सांठगांठ कर बंसू आ.भटकुल के नाम दर्ज करा कौडिय़ों के दाम पर बेचे जाने के मामले में प्रशासन के बाद अब पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर कर दी है। कल देर रात प्रशासन ने तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो (वर्तमान में कोंडागांव जिले में संयुक्त कलेक्टर), राहुल सिंह आरआई, नारायण सिंह आरआई एवं नजूल कार्यालय का बाबू अजय तिवारी के विरुद्ध पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है।
गांधीनगर पुलिस ने मामले में धारा 467, 468, 420, 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। मामले में जांच के दौरान फर्जीवाड़े में अभी और आरोपियों के नाम शामिल होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि तहसीलदार (नजूल) अंबिकापुर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अंबिकापुर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार नमनाकला, अंबिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि सरगुजा सेटलमेंट मे गोचर मद की भूमि है, जिसे अनियमित पट्टा और विधिक प्रावधानों के विपरीत अनावेदक बंसू द्वारा अपने नाम पर कराते हुये उक्त शासकीय नजूल भूमि में से कई व्यक्तियों को विक्रय कर दिया गया है।
जिसमें अनावेदक सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार शामिल हैं। इससे शासन को शासकीय भूमि की क्षति हुई है। इस प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर न्यायालय द्वारा प्रकरण को छग भू राजस्व संहिता की धारा 50 के तहत पुनरीक्षण में ग्राहय कर सुनवाई किया जा रहा है। इस प्रकरण में अनावेदक बंसु आत्मज भटकुल निवासी फुन्दुरडिहारी, तहसील अंबिकापुर एवं उपरोक्त 8 अनावेदकगण को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने हेतु पेशी तिथि 14 मार्च की दोपहर 3 बजे नियत किया गया है। कलेक्टर सरगुजा द्वारा जारी निर्देश के अनुसार सभी अनावेदकगण उक्त पेशी तिथि में कलेक्टर न्यायालय में उपस्थित होकर अपना-अपना जवाब और दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं।
निर्धारित तिथि को अनावेदकगण यदि जवाब या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते हैं तो प्रकरण में एकपक्षीय रूप से अग्रिम कार्रवाई करते हुए प्रकरण में गुण दोष के आधार पर आदेश पारित कर दिया जाएगा। शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे करोड़ों की शासकीय जमीन फर्जीवाड़े में प्रशासन ने सोमवार से कार्रवाई शुरू कर दी है। नियमविरुद्ध तरीके से नामांतरण और बिक्री के इस मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू होने से लोगों में अब न्याय की आस जगी गई है।