छत्तीसगढ़ में पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, नशे के सौदागर इस व्यापारी के करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त

छत्तीसगढ़ में पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, नशे के सौदागर इस व्यापारी के करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त

बिलासपुर। पुलिस ने नशा कारोबारी की 2.05 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई है। आरोपी सुच्चा सिंह उर्फ संजीव छाबड़ा ने अपनी अवैध कमाई को वैध करने के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी बना ली है, जिसमें वह नशीली दवाओं के पैसे को जमा कर वैध बनाता था। पुलिस ने उसके अकाउंट के 5 साल के लेनदेन की कुंडली बनाकर यह कार्रवाई की है। अब संपत्ति को राजसात करने के लिए मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में केस प्रस्तुत की जाएगी।

पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के अनुसार अवैध कारोबार में शामिल लोग जेल से छूटते ही फिर से अपना कारोबार शुरू कर देते हैं। लेकिन, अब पुलिस ऐसे अपराधियों की संपत्ति भी जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। ताकि अवैध कारोबारियों की कमर टूट सके। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने नशे का कारोबार करने वाले सुच्चा सिंह उर्फ संजीव छाबड़ा की संपत्ति की जानकारी जुटाई है। जांच में पुलिस को पता चला है कि  आरोपी ने बिलासपुर के साथ ही मध्यप्रदेश के जबलपुर, महाराष्ट्र के नागपुर, फरीदाबाद और हरियाणा में जमीन खरीद कर मकान, दुकान और कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया है।

इस पूरे मामले में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर पुलिस की टीम एंड-टू-एंड कार्रवाई की रही है। इसमें पकड़े गए तस्करों के फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन भी चल रहा है। आरोपी संजीव छाबडा उर्फ सूच्चा के कई सालों से प्रतिबंधित नशीली दवाओं का अवैध कारोबार कर रहा है। इस दौरान उसने तस्करी कर बिलासपुर से फरार होकर महाराष्ट्र के नागपुर फिर मध्यप्रदेश के जबलपुर में अवैध कारोबार करने लगा।

पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी संजीव कुमार छाबडा के अलग-अलग बैंक अकाउंट थे, जिसमें वह तस्करी के पैसों को जमा कराता था। इस अवैध कमाई को छिपाने के लिए उसने अपने भाई, भाई की पत्नी के नाम पर फर्जी आई रिटर्न बनाया था, जिसकी भी जांच की गई। जाहिर है कि वह अवैध कमाई को वैध करने के लिए यह तरीका अपनाया था। सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि रकम को छिपाने के उदेश्य से आरोपी संजीव छाबड़ा ने छाबडा कंस्ट्रक्शन के नाम से फर्म रजिस्टर्ड कराया है। फर्म की जांच करने पर पता चला कि इस नाम की कोई भी फर्म बिलासपुर के टिकरापारा में नहीं है। जिसका आयकर विभाग से जानकारी ली गई तो पता चला कि उसके फर्म में कोई व्यवसाय नहीं है। लेकिन, फर्म के एकाउंट पर करोड़ों रुपए का लेन-देन किया गया है। उसके अलग-अलग बैंक अकाउंट के पांच साल के आय-व्यय की भी जानकारी जुटाई गई, तब पता चला कि ज्यादातर पैसे नशीली दवाओं की सप्लाई कर जमा कराई गई है। जिससे उसने जमीन, मकान, फ्लैट और कॉम्प्लेक्स निर्माण कराया है।

पुलिस की पूछताछ और जांच में पता चला है कि पुलिस की कार्रवाई के डर से सुच्चा सिंह ने करीब 16 साल पहले बिलासपुर छोड़ दिया, जिसके बाद वो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में रहकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सहित अलग-अलग जिलों में नशीली दवाओं को कोरियर और बस से पार्सल से भेजता था, जिसे यहां उसके गिरोह के सदस्य लेकर सप्लाई करते थे। स्थानीय तस्कर पैसों को उसके अकांउट पर जमा कराते थे। उसके खातों में करोड़ों का लेनदेन केवल प्रतिबंधित नशीली दवाओं का है।

पुलिस ने उसके यूनियन बैंक के अकाउंट में जमा 3 लाख 95 हजार रुपए, बंधन बैंक के अकाउंट में जमा 3 लाख 72 हजार रुपए को फ्रीज कराया है। यही नहीं आरोपी संजीव कुमार छाबड़ा ने अपने माता-पिता, भाई और भाई की पत्नी के खातों मे रकम को डालकर और उसी रकम को अपने खातों पर वापस लेकर उक्त रकम से करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई है। आरोपी संजीव कुमार छाबड़ा की प्रॉपर्टी और खाते की रकम की पहचान कर जब्ती की कार्रवाई करते हुए मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में प्रकरण भेजा गया है।