EPF घोटाला: लेखपाल और डाटा एंट्री ऑपरेटर ने मिलकर उड़ाए 11 लाख से ज़्यादा, पत्नी के खाते में ट्रांसफर, दो आरोपी गिरफ्तार

EPF घोटाला: लेखपाल और डाटा एंट्री ऑपरेटर ने मिलकर उड़ाए 11 लाख से ज़्यादा, पत्नी के खाते में ट्रांसफर, दो आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर-रामानुजगंज। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के वाड्रफनगर से सामने आया है एक बड़ा घोटाला, जहां मनरेगा कर्मचारियों के ईपीएफ (EPF) फंड से 11 लाख 26 हजार रुपये से अधिक की धोखाधड़ी कर दी गई। इस गंभीर मामले में जनपद पंचायत रामचंद्रपुर के लेखपाल वीरेंद्र कुमार यादव और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब जनपद पंचायत वाड्रफनगर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मोहम्मद निजामुद्दीन ने चौकी वाड्रफनगर में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, जून 2023 से जून 2025 तक दोनों आरोपियों ने कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में जाने वाली रकम को धोखे से भगवान सिंह की पत्नी अंजू सिंह के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया।

OTP का दुरुपयोग:
ईपीएफ की राशि जमा करने के लिए OTP आरोपी लेखपाल वीरेंद्र यादव के मोबाइल पर आता था, जिसे वह भगवान सिंह को बताकर उसकी पत्नी के खातों में ट्रांसफर करवाता था।

खुलासा और गिरफ्तारी:
शिकायत पर अपराध क्रमांक 144/25 धारा 316(4), 318(3), 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को फुली डूमर (छत्तीसगढ़-यूपी सीमा) से धरदबोचा। पूछताछ में दोनों ने जुर्म स्वीकार कर लिया।

सबूत भी जब्त:
घटना में प्रयुक्त मोबाइल हैंडसेट, ओटीपी वाले फोन, और बैंक पासबुक भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। आरोपियों को JMFC न्यायालय वाड्रफनगर में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। मामले में अन्य कड़ियों पर जांच जारी है।

कड़ी कार्रवाई में जुटी टीम:
इस पूरे ऑपरेशन में चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक धीरेंद्र तिवारी, एएसआई पुष्पराज सिंह, साइबर आरक्षक आकाश तिवारी, आरक्षक देव कुमार, रामगोपाल राम, और बालेश एक्का की सक्रिय भूमिका रही।