अग्रिम जमानत निरस्त मामलों पर सख्त आईजी गर्ग, अधिकारियों की जवाबदेही तय, 3 घंटे चली मैराथन चर्चा

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) ने मंगलवार को रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक ली। यह बैठक कार्यालय के सभागार कक्ष में आयोजित की गई और तीन घंटे से अधिक समय तक चली।
बैठक में कुल 259 प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई। आईजी गर्ग ने विशेष रूप से उन मामलों पर ध्यान दिया जिनमें माननीय न्यायालय ने अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में तुरंत ठोस कार्रवाई की जाए और गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। आईजी ने यह भी कहा कि सभी गंभीर प्रकरणों में पुलिस की कार्रवाई का ब्योरा अलग से संधारित किया जाए और जहां गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, वहां कारण स्पष्ट लिखे जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि अदालत द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर संबंधित अधिकारी जवाबदेह होंगे।
बैठक में दोषमुक्ति के कारणों का विस्तार से विश्लेषण किया गया। विवेचना और अभियोजन में हुई लापरवाही के मामलों में जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए। आईजी गर्ग ने यह भी कहा कि झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले और निर्दोषों को फंसाने वाले आरोपियों के खिलाफ अभियोजन अधिकारी अदालत में प्रतिवेदन पेश करें, ताकि न्यायिक प्रक्रिया मजबूत हो और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इस बैठक में संयुक्त संचालक अभियोजन एस.एस. ध्रुव, उप निदेशक अभियोजन अनुरेखा सिंह, उप निदेशक अभियोजन बेमेतरा आशीष कुमार सिन्हा, सहायक जिला अभियोजन प्रमोद घृतलहरे और विनय अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मश्री तंवर, ज्योति सिंह, मोनिका ठाकुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।