20 किलो का ट्यूमर लिए जी रही थी महिला, सर्जरी ने दी नई ज़िंदगी

बिलासपुर।"ये कहानी है कबीरधाम की 65 वर्षीय लक्ष्मी चौहान की जो पिछले दो सालों से पेट में दर्द, सूजन और लगातार बढ़ती तकलीफों से जूझ रही थीं।परिवार परेशान था, लेकिन असली वजह किसी को नहीं पता थी।" "हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि बीते 10 दिनों से उन्हें लगातार उल्टियां हो रही थीं। ना खाना खा पा रहीं थीं, ना ही सामान्य शारीरिक क्रियाएं कर पा रही थीं। परिजनों ने तत्काल उन्हें बिलासपुर स्थित सिम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में भर्ती कराया। जहाँ डॉक्टर नेहा सिंह और उनकी टीम ने जांच की।
सोनोग्राफी रिपोर्ट में एक हैरान कर देने वाला सच सामने आया। लक्ष्मी जी के पेट में एक 20 किलो का विशाल ट्यूमर था। डॉक्टरों ने समय गंवाए बिना सर्जरी की तैयारी शुरू की। टीम की कड़ी मेहनत और सूझबूझ से ऑपरेशन सफल रहा। सर्जरी के दौरान पेट से 20 किलो वजनी ट्यूमर निकाला गया। जिसे देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। आज लक्ष्मी जी सुरक्षित हैं, और उनका स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है। परिवार और डॉक्टरों की टीम ने इस चमत्कारिक ऑपरेशन पर राहत की सांस ली है।
कबीरधाम की रहने वाली 65 वर्षीय लक्ष्मी चौहान पिछले दो सालों से पेट की गंभीर सूजन और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। हालात इतने बिगड़ गए कि भोजन करना तो दूर, रोजमर्रा की क्रियाएं भी मुश्किल हो गईं। जब उन्हें सिम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में भर्ती किया गया, तब उनकी हालत नाज़ुक थी। डॉ. नेहा सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता रमन जोगी को इसकी सूचना दी। इसके बाद मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह एवं अधिष्ठाता डॉ. रामनेश मूर्ति से चर्चा कर तत्काल जीवन रक्षक ऑपरेशन की अनुमति ली गई। एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तत्काल गठित की गई, जिसमें डॉ. संगीता रमन जोगी, डॉ. दीपिका सिंह, डॉ. रचना जैन, डॉ. अंजू गढ़वाल, और निश्चेतना विभाग से डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. श्वेता, डॉ. प्राची, डॉ. आकांक्षा जैसे अनुभवी चेहरे और नर्सिंग स्टाफ से ब्रदर अश्विनी शामिल रहे। इस जटिल सर्जरी के दौरान मरीज के पेट से 10 किलो 660 ग्राम वजनी ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया। डॉक्टरों की यह मेहनत और सूझबूझ ही थी कि यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही और अब मरीज की हालत पहले से काफी बेहतर है।