बिहार की वोटर लिस्ट में बड़ा खुलासा! 18 लाख मृत वोटर, 26 लाख हुए लापता, 7 लाख लोगों का 2-2 वोटर कार्ड

पटना | विशेष रिपोर्ट
बिहार की मतदाता सूची में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Summary Revision - SSR) के दौरान 18.5 लाख मृत मतदाताओं के नाम सूची में पाए गए हैं। इससे भी हैरान कर देने वाली बात ये है कि 26 लाख मतदाता ऐसे हैं जो अब अपने पते पर नहीं रहते, यानी या तो स्थानांतरित हो चुके हैं या स्थायी रूप से क्षेत्र छोड़ चुके हैं। अब सभी की निगाहें 1 अगस्त पर टिकी हैं, जब नई मतदाता सूची आएगी और सामने आएगा बिहार का असली वोटर चेहरा।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार:
अब तक 97.30% मतदाताओं ने अपने दस्तावेज़ों का सत्यापन करा लिया है। केवल 2.70% मतदाता ही शेष हैं जिनका विवरण अभी तक अपडेट नहीं हो पाया है। 7 लाख से अधिक लोग ऐसे हैं जिनके नाम दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज हैं! 21 जुलाई तक हुई जांच में 52.30 लाख मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं मिले। ये खुलासे न सिर्फ प्रशासन को झकझोरते हैं, बल्कि यह सवाल भी उठाते हैं कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट और फर्जी नामों को अब तक क्यों नहीं हटाया गया था?
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित की जाएगी। इससे पहले सभी डुप्लीकेट, मृत या विस्थापित मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
चुनाव आयोग का मकसद साफ है:
"फर्जी वोटिंग, दोहराव और मृत मतदाताओं के नाम हटाकर चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना।"
यह क्यों है बड़ी खबर?
यह आंकड़े आगामी चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गहरा असर डाल सकते हैं। विपक्ष और सत्ताधारी दल दोनों ही इस खुलासे पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सकते हैं। जनता के मन में भी यह सवाल उठ रहा है — क्या अब तक हुए चुनावों में ये फर्जी नाम असर डालते रहे?