धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश: लंदन-कनाडा से फंडिंग, लश्कर कनेक्शन और 'सेफ हाउस' का खुलासा

मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसकी जड़ें दिल्ली से लेकर कोलकाता और विदेशों तक फैली हुई हैं। आगरा के सदर क्षेत्र की दो बहनों को कोलकाता में अवैध धर्मांतरण गिरोह से छुड़ाए जाने के बाद इस पूरे सिंडिकेट की परतें खुलनी शुरू हुईं।
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह को कनाडा और अब लंदन से फंडिंग मिल रही थी। दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया गया अब्दुल रहमान इस पूरे नेटवर्क का अहम किरदार बताया जा रहा है। रहमान का भतीजा लंदन में रहता है, जिससे पैसे भेजे जाने की आशंका है। पूछताछ में रहमान ने कबूल किया है कि वह धार्मिक प्रचार के नाम पर लोगों से संपर्क करता था और 'दीन के काम' के लिए फंडिंग जुटाता था। पुलिस ने रहमान के घर से धार्मिक साहित्य और प्रचार सामग्री जब्त की है, जिनमें ‘आपकी अमानत आपकी सेवा में’, ‘ईश्वर और सृष्टि श्रेष्ठ कौन’ और ‘इस्लाम और बहुजन समाज पार्टी’ जैसी किताबें शामिल हैं। इन किताबों में कलीम सिद्दीकी, परवेज अख्तर, सरफराज अली जाफरी और डॉ. गय्यूरूल हसन जैसे नाम शामिल हैं।
इस रैकेट से जुड़े कई अहम नामों को पुलिस ने रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की है, जिनमें रहमान कुरैशी, अब्बू तालिब, आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, अली हसन उर्फ शेखर, ओसामा, अबुर रहमान, मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी, मुस्तफा उर्फ मनोज और मोहम्मद इब्राहिम शामिल हैं। पूछताछ में सामने आया कि गिरोह के तार लश्कर-ए-तैयबा और पीएफआई से भी जुड़े हो सकते हैं। कश्मीरी छात्राओं के माध्यम से नेटवर्क को आगे बढ़ाया जा रहा था। कई संदिग्ध नाम पुलिस के रडार पर हैं और बैंक खातों की जांच जारी है।
कनाडा में रह रहे सैय्यद दाऊद इस नेटवर्क के लिए पैसे भेजता था। पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद उसके पूरे नेटवर्क और सेफ हाउस ऑपरेशन का राज़ खुल रहा है। वह हर 6 महीने में ठिकाना बदलता था और जहां रहता था, वहां 'धर्मांतरण केंद्र' जैसा माहौल बना लेता था। इस मामले में पुलिस की छानबीन जारी है और आने वाले दिनों में कई और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। यह गिरोह सिर्फ एक अवैध धर्मांतरण का मामला नहीं, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा गंभीर खतरा बन चुका है।