81 ग्राम पंचायतों के स्वच्छाग्रहियों को मिला स्वास्थ्य सुरक्षा किट का लाभ

दुर्ग, 17 जुलाई 2025। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण 2025 के अंतर्गत दुर्ग जिले में स्वच्छता कार्य में जुटे स्वच्छाग्रहियों के लिए एक सराहनीय पहल की गई। जिला पंचायत सभागार में जनपद पंचायत दुर्ग के स्वच्छाग्रही स्व सहायता समूह की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बजरंग दुबे ने की। इस बैठक में 81 ग्राम पंचायतों के लगभग 150 स्वच्छाग्रही शामिल हुए। इन स्वच्छता सैनिकों को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्राथमिक उपचार के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा किट और आवश्यक दवाइयां वितरित की गईं। यह किट स्वच्छाग्रहियों को घर-घर कचरा संग्रहण के दौरान प्राथमिक उपचार हेतु मदद करेंगी।
मानदेय में देरी पर जताई चिंता
बैठक में ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत स्वच्छाग्रहियों द्वारा यह जानकारी दी गई कि कई पंचायतों में उन्हें 5 से 6 महीनों से मानदेय नहीं मिला है। इस पर श्री बजरंग दुबे ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल सभी लंबित मानदेयों का भुगतान करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम पंचायत कोलिहापुरी का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि वहां स्वच्छाग्रहियों को ₹5000 प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है और प्रतिदिन कचरा संग्रहण हो रहा है।
बर्तन बैंक व नागरिक फीडबैक पर बल
बैठक में जनपद पंचायत धमधा के सचिवों की समीक्षा भी की गई, जिसमें पाया गया कि अभी तक केवल तीन ग्राम पंचायतों – मुर्रा, तरकोरी और नवागांव (पु.) में ही बर्तन बैंक प्रारंभ किया गया है। सीईओ ने निर्देश दिए कि सभी पंचायतों में यह व्यवस्था शीघ्र शुरू की जाए। साथ ही, स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के अंतर्गत सिटीजन फीडबैक की स्थिति की समीक्षा की गई। अब तक दुर्ग में 6706, धमधा में 12121 और पाटन में 8740 नागरिकों से मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रतिक्रिया प्राप्त की गई है। फीडबैक को बढ़ावा देने हेतु गांवों में दीवार लेखन एवं पेंटिंग भी कराई जा रही है, जिनकी संख्या अब तक 5867 तक पहुँच चुकी है।
रिक्शा मरम्मत और नई खरीदी पर निर्देश
स्वच्छाग्रहियों द्वारा कचरा संग्रहण के लिए उपयोग किए जा रहे रिक्शों की मरम्मत की मांग पर भी चर्चा हुई। इस पर सीईओ ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर से रिक्शा मरम्मत कराई जाए और आवश्यकतानुसार 15वें वित्त आयोग की राशि से नए रिक्शे भी खरीदे जाएं।